मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्वी इंफाल जिले के चिंगारेल में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की चौकी से हथियारों की लूट और कांस्टेबल को निलंबित करने के बाद चूराचांदपुर में हुई हिंसा की घटना की दो अलग-अलग मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी।
सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक द्वारा एक कांस्टेबल को निलंबित करने के बाद उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
सिंह ने चुराचांदपुर हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
सिंह ने कहा, ‘‘हम चुराचांदपुर में दो लोगों और मंगलवार को मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय से हथियार लूटने के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं। हालांकि हम इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं।’’
सिंह ने चुराचांदपुर जिला स्थित आदिवासी जनजातीय नेता मंच द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को दी गई धमकी की भी निंदा की।
दो दिन पहले एक कांस्टेबल के निलंबन के विरोध में भीड़ के लघु-सचिवालय में घुसने और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प में दो लोगों की मौत के बाद ‘इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) की ओर से ‘पूर्ण बंद’ के आह्वान पर चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार को आम जन-जीवन प्रभावित रहा।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।