Child Health: बच्चों को बनाना चाहते हैं मेंटली स्ट्रांग तो जरूर सिखाएं ये 5 बातें, बढ़ेगा सेल्फ कॉन्फिडेंस

वर्तमान समय में पेरेंट्स और बच्चों के बीच इमोशनल और मेंटल कनेक्ट काफी कम देखने को मिलती है। इसके पीछे का कारण बच्चों के लिए समय न निकाल पाना, पेरेंट्स के बीच बढ़ते झगड़े, माता-पिता का अलग-अलग रहना आदि कारण बच्चों के मेंटल हेल्थ पर काफी गहरा असर छोड़ता है। इन वजहों से बच्चा कहीं न कहीं मानसिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इस कारण बच्चे छोटी-छोटी बातें भी नहीं बर्दाश्त कर पाते हैं। 

आपने देखा होगा कि कुछ बच्चों को बहुत जल्दी या छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है। तो वहीं कुछ बच्चे थोड़ा डरे व सहमे लगते हैं। बता दें कि इन सारी चीजों का सबसे बड़ा कारण होता है कि बच्चों का मानसिक विकास कमजोर है। ऐसे में अगर आप भी पेरेंट्स हैं और अपने बच्चें को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप भी अपने बच्चे को भी मेंटली स्ट्रॉन्ग बन सकते हैं। 

असफलता को मैनेज करना सिखाएं

खेलकूद एक ऐसी चीज होती है, जिससे बच्चे हार व जीत का फर्क समझते हैं। ऐसे में हार मिलने के बाद उनको कैसे संभलना चाहिए, यह सीखने में स्पोर्ट्स उनकी काफी मदद करता है। इसके अलावा एक टीम के साथ मिलकर किस तरह से चीजें मैनेज की जाती हैं, यह भी बच्चे स्पोर्ट्स से ही सीखते हैं। ऐसे में आप क्रिकेट, फूटबॉल, या बच्चे की पसंद का कोई भी खेल खेलने के लिए उनको प्रोत्साहित कर सकते हैं। साथ ही उनके हारने पर उसे कैसे मैनेज करना है, यह भी सिखा सकते हैं।

स्ट्रेस को कम करता है डांस

बता दें कि डांस एक तरह का वर्कआउट होता है। इसको करने से बच्चा तनावमुक्त रह सकता है। अगर बच्चे को डांस करने में इंट्रेस्ट है, तो यह उनको खुश भी कर सकता है। इसलिए आप बच्चे को उनकी पसंद के मुताबिक कोई भी डांस फोम सीखने व करने दें। जिससे कि वह स्ट्रेस फ्री रहने के साथ मेंटली फिट भी रहें।

म्यूजिक से कम होगी एंजाइटी

बच्चों के अंदर से एंजाइटी और टेंशन को रिलीज करने का सबसे अच्छा तरीका म्यूजिक होता है। क्योंकि यह बच्चों को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने में सहायक हो सकता है। वहीं म्यूजिक की मदद से बच्चे का दिमाग भी शार्प हो सकता है।

ड्राइंग से बढ़ेगा सेल्फ कॉन्फिडेंस

बच्चे अपने अंदर की भावनाओं को ड्राइंग की मदद से आसानी से व्यक्त कर पाते हैं। इससे उनके अंदर का स्ट्रेस भी कम होता है। ऐसे में अगर बच्चे कम उम्र में ही अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं, तो यह आगे चलकर उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में बच्चे के आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने में ड्राइंग उनकी मदद कर सकती है।

बच्चों को मजबूत बनाएगी बागवानी

एक बीज से पौधा और पौधे से फल देने वाला पेड़ बनते देखना बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर ला सकता है। ऐसा करते हुए देखना उनके अंदर धैर्य को जन्म देता है और साथ ही किसी भी चीज की देखभाल का तरीका सीखने में मदद मिलती है। इसलिए पेरेंट्स अपने बच्चों को बागवानी के काम भी करने को दे सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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