
ANI
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच मामूली अंतर दिखाई दे रहा है। भाजपा दावा कर रही है कि राज्य में हमारी सरकार हर हाल में बनेगी। राज्य में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और 10 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दो मुख्य पार्टियां हैं। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) राज्य की अन्य दो महत्वपूर्ण पार्टियां हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। शुरुआती रुझानों में पिछड़ने के बाद भाजपा ने जबर्दस्त वापसी की है। आश्चर्य की बात यह भी है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्तमान में अपनी पाटन सीट पर भाजपा उम्मीदवार से कांटे की लड़ाई लड़ रहे हैं। बीजेपी ने उनके ही भतीजे विजय बघेल को मैदान में उतारा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच मामूली अंतर दिखाई दे रहा है। भाजपा दावा कर रही है कि राज्य में हमारी सरकार हर हाल में बनेगी। राज्य में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और 10 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। पार्टी को विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी ने किसान, आदिवासी, और गरीबों के लिए काम किया है, जिसके दम पर एक बार फिर यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी। वहीं 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा को उम्मीद है कि राज्य की जनता एक बार फिर उन्हें मौका देगी।
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर भरोसा जताया है तथा चुनाव प्रचार के दौरान बघेल सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। राज्य विधानसभा के 90 सीटों के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था। 1,181 उम्मीदवारों का फैसला होना है। भाजपा नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी 3-0 से जीतेगी. पार्टी का ‘विजय रथ’ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ आएगा. तेलंगाना में इस बार नहीं तो अगली बार बीजेपी राज्य में अपना झंडा बुलंद करेगी।
अन्य न्यूज़