Chhath Puja Niyam: महापर्व छठ में जरूरी है इन नियमों का पालन, गलती होने पर नहीं मिलता है व्रत का लाभ

Chhath Puja Niyam: महापर्व छठ में जरूरी है इन नियमों का पालन, गलती होने पर नहीं मिलता है व्रत का लाभ

Cahath niyam : छठ का प्रसाद तैयार करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है.

Chhath Puja 2023 Niyam: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि से शुरू होकर चार दिन तक चलने वाला महापर्व छठ (Chhath Puja) 17 नवंबर से शुरू होगा. महापर्व छठ में भगवान सूर्य और छठ माता के रूप में प्रकृति की पूजा होती है. इस व्रत को करने वाले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर सूर्य देव (Lord Surya) को अर्घ्य देते हैं. संतान, परिवार की सुख समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना लेकर किए जाने वाले इस व्रत में नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है. 

यह भी पढ़ें

साफ सफाई पर जोर

छठ में साफ सफाई का ध्यान रखना जरूरी है. छठ के लिए उपयोग में लाए जाने वाले सभी तरह के अनाज और फलों की अच्छे से सफाई करनी चाहिए. ठेकुआ बनाने के लिए गेहूं को घर में अच्छे से धोकर सुखाने के बाद पिसवाया जाता है. इस दौरान उन्हें चिड़ियों के झूठा करने से बचाना जरूरी होता है. प्रसाद बनाने के लिए रखे गए अनाज में भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए.

पवित्र चूल्हे का उपयोग

छठ का प्रसाद तैयार करने के लिए पवित्र चूल्हे का उपयोग किया जाता है. इसके लिए विशेष तौर पर मिट्‌टी के चूल्हे तैयार किए जाते हैं. अगर गैस स्टोव पर प्रसाद बनाया जाता है तो पूजा पाठ के लिए विशेष स्टोव का इस्तेमाल करना चाहिए.

प्राकृतिक चीजों का उपयोग

प्रसाद व पूजा सामग्री रखने के लिए प्राकृतिक व पवित्र धातुओं का उपयोग किया जाता है, छठ में बांस से तैयार सूप और टोकरी का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही प्रसाद बनाने के लिए विशेष तौर पर पीतल के बर्तनों का उपयोग किया जाता है. प्रसाद शुद्ध घी में  बनाया जाता है.

प्रसाद बनाते समय पवित्रता का ध्यान

छठ का प्रसाद तैयार करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. प्रसाद तैयार करने का काम नहाने के बाद ही किया जाता है. दस दौरान हाथ या मुंह जूठा नहीं करना चाहिए और न ही ज्यादा बोलना चाहिए.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *