मुरादाबाद के छठ घाट पर पूजा करतीं महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
छठ पूजा स्थल पर विभिन्न लोकगीतों की धुन पर श्रद्धालुओं ने सोमवार सुबह घाटों पर कमर भर पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने छठ माता से सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। रविवार को महिलाओं ने वेदी पर पूजा-अर्चना करने के बाद अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। फिर घर लौटकर पूजा-पाठ में जुट गईं।
घाट पर छठ पूजा के गीत गाए गए। केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय, कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, सेविले चरन तोहार हे छठी मइया महिमा तोहर अपार आदि भजन गाए। छठ घाट पर हुई पूजा में एमएलसी गोपाल अंजान, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शेफाली चौहान, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य गिरीश वर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रिया अग्रवाल मौजूद रहीं।
इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा राजू कालरा, जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह, एआरटीओ आंजनेय सिंह, एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक संतोष सिंह ने प्रतिभाग किया। साथ ही छठ माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। पूर्वांचलवासी संस्था के भूपेश सिंह, अमन सिंह , अमित दुबे, धर्मवीर सिंह, परमजीत सिंह, मुनेंद्र गिरी, राजेश सिंह, हेमंत कुमार झा, निशांत कुमार की देखरेख में व्यवस्थाएं की गईं।
रामगंगा किनारे किया पूजन
सर्व जन हिताय संस्था की ओर से रामगंगा नदी के किनारे छठ पर्व मनाया गया। छठी माता और डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया गया। छठ पूजा पर संतान के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु व संतान के लिए पूजन किया। इस दौरान संस्थापक पीके पांडेय, संरक्षक जोगेंद्र सिंह, सचिव नीरज कुमार राय, सह-संस्थापक पंडित तेज नारायण मिश्रा, उपाध्यक्ष राहुल राय, उपसचिव धनंजय मिश्रा, संगठन सचिव शिवानंद राय, कोषाध्यक्ष पंकज केसरी ने व्यवस्थाएं संभालीं। महिला मंडल से संरक्षक मालती राय, करिश्मा राय, अमृता राय, कविता केसरी, विभा मिश्रा, माधुरी पांडेय ने पूजन किया।
दसवां घाट पर लोगों ने की पूजा
पुराना दसवां घाट पर छठ मैया का पूजन स्थानीय श्रद्धालुओं ने किया। इस दौरान विनोद कुमार पुष्पक, रामबाबू, विशंभर, उमेश, पिंकी देवी, कमलेश, रोमा, सीमा, गुड़िया, विमलेश, गुप्तेश्वर, दिनेश, संजू देवी आदि मौजूद रहीं।
दउरा में सामान रखकर पहुंचे छठ घाट
छठ पर्व का तीसरा दिन, जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। पूरे दिन सभी लोग मिलकर पूजा की तैयारियां करते है। छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू बनाए जाते हैं। छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी हुई टोकरी, जिसे दउरा कहते हैं, उसमें पूजा के प्रसाद, फल रखा जाता है।
वहां पूजा अर्चना करने के बाद शाम को एक सूप में नारियल, पांच प्रकार के फल, पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर के पुरुष अपने हाथों से उठाकर छठ घाट पर ले जाते हैं। यह अपवित्र न हो , इसलिए इसे सिर पर रखते हैं।