गुलशन कश्यप/जमुई. छठ का महापर्व काफी नियम और निष्ठा के साथ मनाया जाता है. छठ के दौरान लोग काफी कठोर नियमों का पालन करते हैं और यह प्रयास करते हैं कि भूलकर भी उनसे किसी प्रकार की कोई गलती न हो. ऐसी मान्यता है कि छठ के दौरान अगर कोई गलती हो जाए तो उसका उल्टा प्रभाव परिवार पर पड़ता है और इसका नकारात्मक परिणाम सामने आता है. ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि इस व्रत के दौरान कौन सी गलतियां हमें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
जमुई के मशहूर ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य ने बताया कि भगवान सूर्य एकमात्र साक्षात देवता हैं. उनकी पूजा से जितना फल लोगों को मिलता है, लेकिन गलत आराधना करने से उसका उल्टा परिणाम लोगों को देखने को मिल जाता है. मान्यता है कि छठ के दौरान गलतियों का दंड तुरंत भगवान के द्वारा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस दौरान काफी शुद्धता रखी जाती है और अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो पूजा असफल हो जाता है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना काफी आवश्यक होता है और पूजा के दौरान जूठे अनाज का प्रयोग किसी भी हालत में नहीं करना चाहिए. प्रसाद में पुराना या बिना शुद्ध किया हुआ चूल्हा प्रयोग ना करें. छठ पूजा का प्रसाद गैस चूल्हा पर कभी न बनाएं. यह प्रसाद आम की लकड़ी जलाकर ही बनाएं. ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य ने बताया कि छठ के दौरान तामसी भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. नहीं तो छठ माता रुष्ट हो जाती हैं. छठ पूजा के प्रसाद के उपयोग में आने वाले अनाज की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए. घर में ही अनाज को धोकर, पीसकर और कूटकर प्रसाद बनाया जाता है. इस बात का विशेष ध्यान रखें की चिड़िया या कोई जानवर अनाज को जूठा ना करें.
इस धातु के बर्तनों का नहीं करें इस्तेमाल
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य ने बताया कि छठ पूजा को प्राकृतिक पर्व माना जाता है. पूजा में बांस का बना सूप या टोकरी का ही इस्तेमाल किया जाता है. छठ पूजा में भूलकर भी कांच या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही प्रसाद में शुद्ध घी और अच्छे फलों का इस्तेमाल करना चाहिए, इससे छठ माता प्रसन्न होती है.
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FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 14:36 IST