Chhath Puja: संतान प्राप्ति की है कामना, तो जरूर रखें छठ का व्रत, जानें महत्व

गुलशन कश्यप/जमुई. भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ अब विदेशों में भी मनाया जाने लगा है. कई ऐसे लोग हैं जो बिहार, उत्तर प्रदेश या अंग क्षेत्र से बाहर भी छठ का त्योहार करने लगे हैं. छठ का व्रत करना लोगों के सेहत के लिए तो अनुकूल माना ही जाता है, ऐसी मान्यता है कि छठ का व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. अगर किसी भी व्यक्ति को संतान की कामना है तो उसे छठ का व्रत अवश्य रखना चाहिए. ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं कि भगवान भास्कर की आराधना करने से इंसान को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके लिए छठ का व्रत रखना उनके लिए सबसे सर्वोत्तम उपाय है. जिस भी व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है या उन्हें संतान की कामना है. वह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व का व्रत रखें और सच्चे मन से भगवान भास्कर की आराधना करें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है.

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि छठ का व्रत रखने से धन और ऐश्वर्य की भी वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि भगवान भास्कर केवल नमस्कार के देवता हैं. जिस प्रकार भगवान भोलेनाथ जल की धारा से प्रसन्न होते हैं ठीक उसी प्रकार भगवान भास्कर अपनी उपासना के लिए केवल नमस्कार मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं और वह अपने भक्तों की हर ख्वाहिश पूरी करते हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इसके लिए बस भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए, षष्ठी और सप्तमी तिथि को भगवान भास्कर को नमस्कार कर उन्हें दंडवत देना चाहिए. इससे धन और ऐश्वर्या की वृद्धि होती है और व्यवसाय और नौकरी में स्थिरता भी आती है.

सूर्य की उपासना से चर्म रोग से मिलती है मुक्ति
मनोहर आचार्य बताते हैं कि भगवान भास्कर की उपासना से चर्म रोग से मुक्ति मिलती है. उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के पुत्र को कुष्ठ रोग हुआ था. इसके बाद उन्होंने भगवान भास्कर की आराधना की थी और छठ का व्रत रखा था. जिसके बाद उनके शरीर का कुष्ठ रोग समाप्त हो गया था. ऐसी मान्यता है कि भगवान भास्कर चर्म रोग को ठीक करने वाले देवता हैं और उनकी उपासना से त्वचा से जुड़े सभी प्रकार की बीमारियां समाप्त हो जाती हैं. इसके अलावा छठ का व्रत रखने से लोगों को दीर्घायु होने का भी आशीर्वाद मिलता है और छठ को सौभाग्य का भी पर्व माना जाता है. कहते हैं कि इस पर्व से सुहाग की उम्र लंबी होती है, इसलिए महिलाएं पति और संतान के लिए यह व्रत रखती हैं. छठ की पूजा से अन्न और धन का भंडार भी बढ़ता है. इसलिए किसान अच्छी खेती के लिए भी छठ की पूजा करते हैं.

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FIRST PUBLISHED : November 11, 2023, 17:48 IST

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