मनीष कुमार/कटिहार. हमारी संस्कृति और पर्व त्यौहार में आपसी भाई चारा को और करीब लाता है. छठ के खास विधान खरना में मिट्टी के चूल्हा में प्रसाद बनाने की परंपरा है. शहर के बैगना स्थित नहर के पास रहने वाली मुस्कान खातुन द्वारा बनाये गये चूल्हे की विशेष मांग है. दूर दराज से लोग यहां पहुंच कर श्रद्धा के साथ इस मिट्टी के चूल्हे की खरीदारी करते हैं.
हर साल ये लोग महापर्व छठ पर्व के मौके पर एक महीने पहले से ही मिट्टी के चूल्हे बनाने की तैयारी शुरू कर देते हैं. इनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के चूल्हे की मांग इतनी रहती है कि बहुत पहले से चुल्हे बनाना शुरु कर देती है. वैसे तो यह परिवार मुस्लिम समुदाय के हैं, लेकिन इन लोगों का छठ पर्व के प्रति इतनी श्रद्धा है कि यह लोग छठ व्रतियों के लिए सिर्फ छठ के अवसर पर चूल्हे बनाते हैं. यह परिवार 20 सालों से हर साल छठ पर्व के अवसर पर मिट्टी के चूल्हे बना कर बेचते हैं. यह लोग आस्था के साथ हर साल छठ पर्व के अवसर पर मिट्टी के चूल्हे बनाती है.
आपसी भाई चारे का है प्रतीक
इधर दूसरे परिवार के मो.कासिम कहते है की वे लोग भी छठ के मौके पर परिवार के साथ कई दिन पहले से ही इस चूल्हे को बनाने में जुट जाती है. इसमें धर्म की बन्दिस कभी बाधा नहीं डाला है. जबकि चूल्हा खरीदने आये अशोक कुमार कामती कहते है की यही तो महापर्व छठ की खासियत है. जो एक साथ कई कुरीतियों को तोड़ते हुए एक सामाजिक सौहार्द का मजबूत संदेश भी देता है. वहीं मिट्टी का चूल्हा तैयार कर रहे लोग कहते हैं कि एक चूल्हा को तैयार करने में लगभग तीन दिन लगता है. वहीं बात अगर कीमत की करें तो अलग-अलग कीमतों में यहां चूल्हा श्रद्धालुओं को दिया जाता है. ₹70 से शुरू होकर 150 रुपये तक यहां चूल्हा उपलब्ध है. सबसे खास बात यह है कि यह सभी इसी चूल्हा को बनाकर पूरे परिवार का भरन पोषण करते हैं. कुल मिलाकर कटिहार के बैगना में इस मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों द्वारा महापर्व छठ पर मिट्टी का चूल्हा बनाकर एक आपसी भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2023, 11:12 IST