नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का कहना है कि चंद्रयान-3 ( Chandrayaan-3) के लैंडर विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान के मिशन को पूरा करने पर उन्हें इस महीने की शुरुआत में ही स्लीप मोड में डाल दिया गया था. चूंकि चंद्रमा पर भयानक सर्दी होती है और तापमान बहुत कम हो गया था, ऐसे में अब केवल उम्मीद है कि लैंडर विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान जागेंगे और सिग्नल भेजेंगे.
इसको लेकर इसरो के प्रमुख केंद्रों में से एक अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम देसाई ने शुक्रवार को कहा कि विक्रम लैंडर और रोवर को ‘स्लीप मोड’ से जगाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन वे ऑटोमेटिक हैं और स्वत: ही जाग्रत होंगे. इसरो उनसे संपर्क की कोशिश कर रहा है, अगर वे जागते हैं तो यहां धरती पर सिग्नल मिलेंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है.
कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई सिग्नल नहीं आया
उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि चंद्रमा पर सूर्योदय के बाद 22 सितंबर को सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर और रोवर के चार्ज होते ही सिग्नल आ जाएंगे. अभी तक कोई सिग्नल नहीं आया है और चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से संपर्क स्थापित करने की कोशिशें जारी हैं. पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह पर चंद्र रात्रि शुरू होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों को इस महीने की शुरुआत में क्रमशः 4 और 2 सितंबर को स्लीप मोड में डाल दिया गया था.
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नए सिग्नल मिलेंगे तो सबको सूचना देंगे
देसाई ने कहा कि नए संकेत मिलते ही लोगों को सूचित कर दिया जाएगा. पुनरुद्धार की 50-50 प्रतिशत संभावना को देखते हुए, वैज्ञानिक ने आगे कहा कि यदि इलेक्ट्रॉनिक्स ठंडे तापमान से बचे रहते हैं तो हमें सिग्नल प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा, “अन्यथा, मिशन पहले ही अपना काम कर चुका है.”
प्रज्ञान को लेकर उम्मीद कायम, अभी इंतजार करना पड़ेगा
वैज्ञानिक ने कहा कि यदि लैंडर और रोवर फिर से जाग जाते हैं, तो चंद्रमा की सतह पर प्रयोग जारी रहेंगे. इस बीच, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक माइलस्वामी अन्नादुराई ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को पुनर्जीवित करने के इसरो के प्रयास पर कहा, “…मैं प्रज्ञान को लेकर काफी आशान्वित हूं क्योंकि इसका परीक्षण किया जा चुका है…लेकिन, लैंडर के संबंध में, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2023, 21:23 IST