विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मिशन को लेकर उनका दृढ़ विश्वास अद्भुत था।
जयशंकर शनिवार को यहां इंडिया हाउस में प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने 23 अगस्त को भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बारे में चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 से 24 अगस्त तक 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में थे।
यात्रा के दौरान मोदी के साथ रहे जयशंकर ने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) ब्रिक्स बैठक से समय निकाला।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की जानकारी ले रहे थे और इसरो से बात कर रहे थे… क्योंकि वह तनावपूर्ण क्षण था, आप जानते हैं, कोई भी किसी मिशन के बारे में कितना भी आश्वस्त क्यों नहीं हो, उस समय आप अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को रखना चाहते हैं जो आपको आश्वस्त करे।”
जयशंकर ने कहा, “और यकीन मानिए, श्री मोदी से बेहतर आश्वासन कोई नहीं दे सकता, जो आज पूरे देश को और कई मायनों में पूरी दुनिया को आश्वस्त कर रहे हैं। वास्तव में वह दक्षिण अफ्रीका से ही जुड़ गए थे।
और प्रक्रिया के दौरान वह इसरो से बात कर रहे थे।”
जयशंकर ने कहा कि मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों का दृढ़ विश्वास अद्भुत था।
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