Chai Par Sameeksha: Mahua Moitra को संसद से क्यों किया गया निष्कासित, आखिर इससे क्या संदेश जाएगा?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के मामले और लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में सदन की सदस्यता से निष्कासित करने का फैसला सराहनीय है। हालांकि इस फैसले को लेने की प्रक्रिया में खामियां निकाली जा रही हैं और आरोपी का पक्ष नहीं सुने जाने जैसे आरोप लगाये जा रहे हैं लेकिन फिर भी प्रथम दृष्टया यह कदाचार का मामला लगता है। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चल रहा है, जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ जनादेश दे रही है, ऐसे में यदि कोई वित्तीय कदाचार में शामिल हो और संसद के नियमों की जानबूझकर अवहेलना करे तो कड़ी कार्रवाई की ही जानी चाहिए थी। बहरहाल, इस विवाद का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर पड़ना निश्चित है। 

प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने महुआ मोइत्रा मामले में कहा कि एथिक्स कमेटी की जब बैठक चल रही थी। उसके बाद जो कुछ भी मीडिया में बातें आ रही थी, उसके बाद इस बात की संभावनाएं ज्यादा थी कि इस मामले में क्या निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सप्ताह के आखिर में इस फैसले पर पहुंच गया। इसका बड़ा कारण यह भी था कि संसद में कुछ कामकाज हो सके क्योंकि सरकार को लगता था कि अगर इसे शुरुआत में ही लाया जाता तो संसद में विपक्षी दलों का हंगामा कई कामकाज पर बड़ा असर डाल सकता था। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा ने कभी भी इस बात का दवा नहीं किया कि उन्होंने लॉगिन डिटेल को साझा नहीं किया था और अगर आपने अपना लॉगिन डिटेल किसी को साझा किया है तो यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर कार्यवाही होनी ही थी ताकि दूसरों को भी खड़ा संदेश दिया जा सके। नीरज दुबे ने इसे साफ तौर पर सदन की मर्यादा का उल्लंघन बताया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने इसे बहुत बड़ा अपराध बताया। 

हमने भ्रष्टाचार को लेकर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। कांग्रेस सांसद के ठिकानों से जो भारी मात्रा में कैश बरामद हुए उस पर नीरज दुबे ने कहा कि इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभियान चला रही है। वर्तमान में इसे पूरी गति दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 2047 तक विकसित भारत की बात कर रहे हैं। वह उस दिशा में बढ़ भी रहे हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना बिल्कुल जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से महंगाई को भी कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के दाम में भी कटौती की जाए। ऐसे में आप देखे तो सरकार कहीं ना कहीं आम लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है लेकिन कुछ दल लगातार भ्रष्टाचार्यों के साथ खड़े दिखाई देते हैं।

हमने उत्तर बनाम दक्षिण को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, उसे पर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की राजनीतिक की जा रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरा देश एक है। हम लगातार वसुधैव कुटुंबकम की बात करते हैं। हम लगातार यह कहते हैं कि पूरा विश्व एक परिवार है। ऐसे में अगर कुछ राजनीतिक लाभ के लिए हमारे देश में ही इस तरह की बातें कही जाती है तो कहीं ना कहीं आप पूरी तरीके से दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री जो है, वह सभी को एक साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु की संस्कृति में महत्व रखने वाले सेंगोल को संसद भवन में स्थापित किया। वहीं, काशी संगमम आयोजन कराया ताकि हमारी संस्कृति एक दूसरे से जोड़ सके। पूरा भारत एकजुट है और पूरे भारत को एकजुट रहना चाहिए। लेकिन जो लोग भी राजनीति के लिए इस तरह की बयान बाजी करते हैं, वे अपने ही राज्य और लोगों का भला नहीं चाहते हैं।

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