Chai Par Sameeksha: Charan Singh, Narasimha Rao, Swaminathan को भारत रत्न देने के फैसले का विश्लेषण

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भारत रत्न और एनडीए विस्तार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रीपीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान कर जहां उक्त महानुभावों की देश के प्रति सेवा और समर्पण को सम्मान दिया है वहीं उत्तर और दक्षिण की राजनीति को भी साध लिया है। प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि खासतौर पर चौधरी चरण सिंह को सम्मान दिये जाने से जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की राजनीति में काफी असर दिखेगा वहीं नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न दिये जाने का दक्षिणी राज्यों में प्रभाव पड़ेगा। साथ ही नरसिम्हा राव को सम्मान दिया जाना एक तरह से गांधी परिवार के लिए बड़े झटके के समान भी है। 

भारत रत्न को लेकर प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो ऐलान किया गया है, वह उन लोगों के लिए जोरदार झटका है जो उत्तर और भारत को बताकर राजनीति करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन तीन नाम का ऐलान किया गया है उनमें दो दक्षिण भारत से हैं। साथ ही साथ नीरज दुबे ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा या मोदी सरकार केवल अपनी ही पार्टी के लोगों को बढ़ाने की कोशिश नहीं करती। जिन लोगों ने भी देश के तरक्की में योगदान दिया है, उन्हें निष्पक्ष होकर यह सरकार सम्मानित करती हैं। हमने पहले भी देखा है कि कैसे प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन पूरी तरह से किसानों से जुड़े रहे हैं। ऐसे में इन्हें अगर भारत रत्न सम्मानित किया गया है तो कहीं ना कहीं इससे किसानों की नाराजगी कम होगी।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक व देश में हरित क्रांति के जनक डॉ एम एस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को खुद ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए यह घोषणा करते हुए तीनों के योगदान की सराहना की। इस साल अब तक पांच लोगों को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है, जो कि अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले वर्ष 1999 में एक बार में चार लोगों को भारत रत्न दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के लिए भारत रत्न की घोषणा की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता और 1979-80 में प्रधानमंत्री रहे सिंह ऐसे समय में कांग्रेस विरोधी राजनीति के धुरी के रूप में उभरे थे जब देश भर में उसका वर्चस्व था। कांग्रेस नेता राव 1991-96 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उन्हें आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है जबकि डॉ स्वामीनाथन दुनिया के ख्याति लब्ध कृषि वैज्ञानिक थे

मोदी ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और आपाताकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।’’ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लागू किया था। प्रधानमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लिखा, ‘‘दिल जीत लिया!’’ जयंत चौधरी, चरण सिंह के पोते हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *