Chai Par Sameeksha: BJP को 400 सीटें कैसे मिलेंगी, इस बार Loksabha Election में विपक्ष का क्या होगा

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न दलों की ओर से बनाई जा रही रणनीतियों, पीएम मोदी का दक्षिण भारत दौरा, बीजेपी उम्मीदवारों की सूची, हिमाचल प्रदेश राजनीतिक संकट और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट खड़ा हुआ तो कांग्रेस ने केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजकर हालात संभालने की कोशिश की। यह कोशिशें रंग लाती भी दिख रही हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जब समस्याएं शुरू होती हैं तभी उनकी ओर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता। कांग्रेस छोड़कर जाने वाले लोगों की शिकायत रहती है कि हमें अपनी बात कहने के लिए आलाकमान से समय ही नहीं मिलता। यह स्थिति किसी भी दल के लिए सही नहीं है। यदि समस्या शुरू होते ही उसका समाधान कर दिया जाये या जैसे अब हिमाचल में जिस तरह छह सदस्यीय समन्वय समिति बनाई गयी है, उसी तरह सभी राज्यों में समिति बना दी जाये तो पार्टी में एकता बनी रहेगी।

भाजपा की बात करते हुए नीरज कुमार दुबे ने बताया कि पार्टी लगातार 370 सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ये 370 सीटें कहां से आएंगी। उन्होंने कहा कि इन्हीं 370 सीटों को पार करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। हाल के दिनों में देखे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दक्षिण भारत के दौरे पर जा रहे हैं। वह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर पूरी तरीके से फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्य में अपने आंकड़े को बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है। पार्टी इस लक्ष्य को भी लेकर आगे बढ़ रही है कि हमें 50% वोट हासिल करना है। अगर ऐसा भाजपा करने में कामयाब हो जाती है तो कहीं ना कहीं भारतीय लोकतंत्र में यह अपने आप में बड़ा इतिहास बन जाएगा। भाजपा लगातार मिशन दक्षिण को लेकर काम कर रही है। यही कारण है कि तमिल संगम जैसे चीजों को पार्टी की ओर से किया गया। उन्होंने कहा कि मिशन दक्षिण को ही ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट में दक्षिण भारत के राज्यों से आने वाले नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। हाल के दिनों में देखें तो भाजपा के लिए दक्षिण के द्वार खुलते दिखाई दे रहे हैं। भले ही कुछ राज्यों में भाजपा को चुनावी रूप से सफलता नहीं मिली है लेकिन कहीं ना कहीं उसके वोट परसेंटेज में बड़ा इजाफा हुआ है।

भाजपा गठबंधन को लेकर बातचीत करते हुए नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जितने भी सर्वे आ रहे हैं, उसमें यह बताया जा रहा है कि अगर आप भगवा पार्टी के साथ गठबंधन में रहते हैं तो आपके जीतने की संभावनाएं ज्यादा रहती है। हमने पूछा कि महाराष्ट्र और बिहार में जो एनडीए गठबंधन है उसमें सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसकता दिखाई दे रहा है। इस पर नीरज कुमार दुबे ने यह भी कहा कि हो सकता है कूटनीतिक तौर पर बीजेपी ने इन दोनों ही राज्यों को लेकर किसी खास रणनीति को तैयार किया होगा। अगर नीतीश कुमार भाजपा के साथ आए हैं तो जाहिर सी बात है कि उनके शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत हुई होगी। हमने देखा है कैसे नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री की बॉन्डिंग देखने को मिली है। महाराष्ट्र में भी नेताओं के बीच जबरदस्त बॉन्डिंग दिख रही है। उत्तर प्रदेश में गठबंधन के सहयोगियों को भाजपा ने संकेत दे दिया है कि आपको कौन सी सीटे मिलने वाली है। ऐसे में गठबंधन सहयोगियों की ओर से भी चुनावी तैयारी शुरू की जा चुकी है। 

विपक्षी दलों पर बातचीत करते हुए नीरज कुमार दुबे ने बताया कि इंडिया गठबंधन के जितने भी दांव हैं वह अभी भी अपनी रणनीति को पूरी तरीके से अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। उनकी ही पार्टी में टूट हो जा रहा है। हमने देखा किस तरीके से तमाम तैयारियां के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान का सामना राज्यसभा चुनाव में करना पड़ा। उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव के साथ वही हुआ है। ऐसे में कहीं ना कहीं जो विधायक बगावत करने के मूड में है, उन्होंने जमीन पर कुछ ना कुछ फीडबैक जरूर देखा होगा। जाहिर सी बात है कि जिस तरीके से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकराया, उससे उनकी पार्टी के खिलाफ एक माहौल तैयार हुआ है और भाजपा उसे भुनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में उनके अपने ही पार्टी के नेता लगातार छोड़ रहे हैं।

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