Chai Par Sameeksha: नये संसद भवन में लोकतंत्र की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी, पर विपक्ष अपमान कर रहा है

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने इस सप्ताह बड़े मुद्दे पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। विशेष सत्र के दौरान संसद में हुए घटनाक्रमों पर भी हमने उनसे पहले सवाल पूछा। सबसे पहले नए संसद के सवाल पर नीरज दुबे ने कहा कि विपक्षी दल संसद का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसके निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस बात को नहीं पचा पा रहा है कि इतने कम समय में संसद भवन का निर्माण कैसे हो गया और घोटाले की भी कोई खबर नहीं आई। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से कई याचिकाएं अदालतों में डाली गई ताकि इसके कामकाज में अड़चन आए लेकिन कोर्ट की ओर से उन्हें कभी कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि संसद में सेंगोल को स्थापित करके प्रधानमंत्री ने सच में उसे मंदिर का दर्जा दे दिया है। उन्होंने कहा कि संसद में लोकतंत्र के प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। 

संसद का निर्माण

नई संसद को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही शिकायतों पर नीरज दुबे ने कहा कि आप यहां अपनी सुविधा के लिए आए हैं या फिर जनता के काम के लिए आए हैं। कहीं भी नई जगह जाने पर वहां ढलने में कुछ वक्त लगता है। लेकिन विपक्षी दल को हर मामले में सिर्फ शोर-शराबा ही करना है। नीरज दुबे ने कहा कि नए संसद का निर्माण वैश्विक मानकों के हिसाब से हुआ है। मैं यह नहीं कह सकता कि इसमें खामियां नहीं है लेकिन अगर खामियां हैं तो उसे उचित लोगों के समक्ष उठाया जाना चाहिए। इसके साथ ही नीरज दुबे ने साफ तौर पर कह दिया कि नए संसद का निर्माण मेक इन इंडिया का सबसे बड़ा प्रमाण है। हम अपने भविष्य में लोगों को बता सकेंगे कि इसो हमारे अपनों ने बनाया है। इसके साथ ही विपक्षी दलों पर तंज करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि औपनिवेशिकता की जो मानसिकता थी, उससे बहुत लोग अभी भी बाहर नहीं निकाल पाए हैं। उन्होंने कहा कि जब संसद के नये भवन में लोकतंत्र की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है तब उसकी आलोचना करना गलत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसकी बुनियाद रखे जाने के दिन से ही विरोध कर रहा है क्योंकि उसे पच नहीं रहा कि मेक इन इंडिया के सबसे अनुपम उदाहरण को मोदी सरकार ने साकार करके दिखा दिया है। 

महिला आरक्षण 

महिला आरक्षण के मुद्दे पर नीरज दुबे ने कहा कि वाकई में जो काम पिछले 27 वर्षों से लंबित था, उसे नरेंद्र मोदी की सरकार ने करके एक बार फिर से साबित कर दिया कि पूर्ण बहुमत की सरकार में कितना दम होता है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है और आने वाले समय में इसका असर समाज में दिखेगा। विपक्ष की मांगों पर नीरज दुबे ने कहा कि जब वह बिल लेकर आए थे, तब उन्होंने इसे क्यों नहीं डाला था। आज ओबीसी की बात की जा रही है। लेकिन जब आप सत्ता में थे तो अपने ओबीसी के लिए क्या-क्या किया है? नीरज दुबे ने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि इसे अभी ही लागू करना चाहिए लेकिन यह अन्याय होगा। परिसीमन से पहले अगर इसे लागू किया जाता है तो हो सकता है किसी के साथ भी गलत हो जाए। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि जो भी कानून भारत के सांसद से पास होता है, उसका एकमात्र उद्देश्य यही होता है कि सभी के लिए समान रूप से न्याय हो और सभी इसका लाभ उठा सके।

कांग्रेस का दांव

जाति जनगणना के मुद्दे पर जो कांग्रेस लगातार बात कर रही है, उसको लेकर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि अगर हमारा खेल नहीं बन रहा है तो हम दूसरे का खेल बिगाड़ दें। नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस यहां क्षेत्रीय दलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में है जो उनके साथ हैं। नीरज दुबे ने इसके साथ ही कहा कि लगातार सनातन को लेकर एक चर्चा हो रही है। विपक्षी दलों को पता है कि दिसंबर-जनवरी में एक बड़ा ही माहौल बनने जा रहा है, जब राम मंदिर का उद्घाटन होगा। ऐसे में अपने पक्ष को कैसे मजबूत किया जाए, इस वजह से सनातन को लेकर लगातार बयान दिए जा रहे हैं।

भाजपा-जेडीएस गठबंधन

भाजपा-जेडीएस गठबंधन पर भी नीरज दुबे से हमने सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात की चिंता जरूर है कि कर्नाटक में 2019 की तुलना में इस बार नुकसान ना हो जाए क्योंकि हाल में ही संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो कहीं ना कहीं भाजपा बहुत पीछे दिखाई दे रही है। हालांकि, नीरज दुबे ने कहा कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होते हैं। नीरज दुबे ने इस बात को स्वीकार किया कि जेडीएस के साथ आने से भाजपा को मजबूती मिलेगी।

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