CG में जैविक खेती ने बदली सैकड़ों किसानों की किस्मत, लाखों में हो रही कमाई

रामकुमार नायक/ महासमुंद (कांकेर):  छत्तीसगढ़ में जैविक खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. कांकेर ज़िले के दुर्गूकोंदल ब्लॉक स्थित गोटूलमुंडा ग्राम में कोदो व कुटकी का प्लांट लगाया गया है. जहां 200 से ज़्यादा किसानों ने सामूहिक ऑर्गेनिक यानी जैविक खेती को अपनी आजीविका का माध्यम बनाया है. क्षेत्र में 9 प्रकार के सुगंधित धान चिरईनखी, विष्णुभोग, रामजीरा, बास्ताभोग, जंवाफूल, कारलगाटो, सुंदरवर्णिम, लुचई, दुबराज के अलावा कोदो, कुटकी, रागी और दलहन -तिलहन फसलों का भी उत्पादन किया जा रहा है.

पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और अच्छी गुणवत्ता की फसलों के लिए ग्राम गोटूलमुंडा में वर्ष 2016-17 में कृषि विभाग के सहयोग और किसानों की ‘स्वस्थ्य उगाएंगे और स्वस्थ्य खिलाएंगे’ की सोच के साथ 6 गांवो के लगभग 200 किसानों ने ’किसान विकास समिति’ का गठन किया. जिसके बाद 2021 में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा इस समिति को प्लांट दिया है. जिससे यहां के समिति के लोगो को काम करने में बहुत आसानी हो रही है. इसके बाद नए तरीके से क्षेत्र में खेती करने की शुरुआत हुई.

आदिवासी बहुल इलाके के इन किसानों की इच्छाशक्ति को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने भी समिति को हरित क्रांति योजना, कृषक समृ़िद्ध योजना तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसे योजनाओं से जोड़कर प्रशिक्षण के साथ अन्य सुविधाएं पहुंचाई हैं. किसान विकास समिति गोटूलमुंडा द्वारा देशी व पारंपरिक धान्य बीजों का संग्रहण व संवधर्न का कार्य पिछले 3-4 वर्षो से किया जा रहा है.

इस वर्ष समिति के संग्रहण में विलुप्त हो रहे बीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. समिति की सदस्य निर्मला भास्कर बताती हैं कि कोदो, कुटकी, रागी, सबको यहां पैक करते है और महिला एवं बाल विकास विभाग हमसे खरीदती है. जिससे हमें लगभग 6.5 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है, जिससे हम समृद्ध और मजबूत बन रहे हैं.

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