हाइलाइट्स
सर्वाइकल कैंसर के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने HPV वैक्सीन तैयार की है.
एचपीवी वैक्सीन महिलाओं में वैजाइनल, एनल, वल्वर आदि कैंसर को भी रोकती है.
भारत में इस वैक्सीन को 46 साल तक की महिलाएं लगवा सकती हैं और यह कारगर भी है.
Cervical Cancer Vaccine age: महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए भारत में वैक्सीन बन चुकी है. केंद्र सरकार 9 से 14 साल तक की लड़कियों को राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत फ्री में यह टीका लगाने भी जा रही है. चूंकि यह वैक्सीन शारीरिक संबंध बनाने से पहले दी जाए तो बेस्ट रिजल्ट देती है इसलिए अधिकतम 14 साल तक की उम्र का चुनाव किया गया है लेकिन एक बहुत बड़ी संख्या इस उम्र से ऊपर की लड़कियों और महिलाओं की है जो सर्वाइकल कैंसर के खतरे की जद में हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आपकी बेटी 15, 16 या 17 साल की है या कोई महिला फिजिकल रिलेशन बना चुकी है तो क्या उसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की यह वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती? आइए.. देश की जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट और लाइफ केयर सेंटर की हेड डॉ. शारदा जैन से जानते हैं इसका जवाब..
सर्वाइकल कैंसर के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से बनाई गई वैक्सीन सर्वावैक सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं बल्कि एचपीवी से रिलेटेड करीब 8 तरह के कैंसर के खिलाफ भी काम करती है और खास बात है कि यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही जरूरी और फायदेमंद है. यह अलग बात है कि अभी केंद्र सरकार सिर्फ लड़कियों को ही यह वैक्सीन फ्री में देने वाली है.
डॉ. शारदा जैन बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर से भारत में हर साल करीब 75 हजार महिलाएं दम तोड़ देती हैं, यह सबसे ज्यादा खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि न तो इसमें कोई विशेष लक्षण प्रकट होता है और न ही भारत में इसकी फ्रीक्वेंट स्क्रीनिंग होती है, ताकि इस रोग को जल्दी पकड़ लिया जाए. यही वजह है कि एचपीवी का संक्रमण 10-12 साल में बढ़ते-बढ़ते कैंसर बन जाता है और तीसरी-चौथी स्टेज पर पहुंचने के बाद महिला को इसका पता चलता है.
किस उम्र में लगवाई जा सकती है वैक्सीन
डॉ. जैन कहती हैं कि भारत में बनी एचपीवी वैक्सीन को निशुल्क लगवाने की उम्र केंद्र सरकार ने 9 से 14 साल तय की है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस वैक्सीन को 15, 16, 17 या उसके बाद की उम्र में नहीं लगवाया जा सकता, या फिर यह फायदा नहीं पहुंचाएगी. विदेशों में बनी सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीनों के साथ हुए कई ट्रायल की रिपोर्ट्स में यह बात सामने आ चुकी है कि अगर आपने 17 साल की उम्र तक की लड़कियों को वैक्सीन दे दी है तो आप 80 फीसदी आबादी को इस कैंसर से सुरक्षित कर सकते हैं. आईसीएमआर की स्टडी कहती है कि किसी भी पॉपुलेशन में अगर आप वैक्सीन देते हैं तो बीमारी की दर को 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है.
यह वैक्सीन 14 साल की उम्र के बाद भी पूरी तरह कारगर है. एचपीवी वैक्सीन को महिलाओं में 46 साल की उम्र तक लगवाने की अनुमति दी गई है. अगर सरकार के पास पैसे हों तो वह इस उम्र तक महिलाओं को यह वैक्सीन लगा सकती है, हालांकि सरकार ने 14 तक की उम्र को चुना है, ऐसे में अपनी जेब से पैसे देकर प्राइवेट में लड़कियां और महिलाएं ये वैक्सीन लगवा सकती हैं और यह निश्चित रूप से काम करेगी. ट्रायल कहते हैं कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी यह वैक्सीन कारगर है.
जहां तक लड़कों की बात है तो भारत सरकार लड़कों को एचपीवी से फ्री वैक्सीनेट नहीं कर रही है लेकिन ट्रायल्स में देखा गया है कि लड़कों में 26 साल की उम्र तक इसे लगवाने से बेस्ट नतीजे आए हैं. इसलिए चाहे उम्र ज्यादा है या शारीरिक संपर्क में आ चुके हैं, फिर भी यह वैक्सीन बीमारी से बचाने में कारगर है.
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FIRST PUBLISHED : February 5, 2024, 13:49 IST