नई दिल्ली:
Cerebrovascular Disease: सेरेब्रोवास्कुलर रोग (Cerebrovascular Disease) एक ब्रेन रोग है जो नसों या वाहिकाओं (वैस्कुलरिटी) की प्रतिबंधों, रूकावटों या फिर खुद की रक्तस्राव में कमी के कारण होता है. यह मस्तिष्क के धमनियों में कई प्रकार की समस्या का कारण बनते हैं, जिनमें धमनियों का ब्लॉकेज, फटना, या फिर धमनियों में कमजोरी शामिल हो सकती है. ये समस्याएं रक्त प्रवाह को मस्तिष्क के भिन्न हिस्सों तक पहुंचाने में बाधा डालती हैं, जिससे स्थायी या अस्थायी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति के मस्तिष्क की क्षमता प्रभावित होती है और यह रोग अधिकतर मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांगता के कारक बन सकता है. सीरीब्रोवास्कुलर रोग के प्रमुख कारकों में हाई ब्लड प्रेशर, अधिक धुम्रपान, अल्कोहल उपयोग, डायबिटीज, अधिक चर्बी, शारीरिक अभ्यास की कमी, और उम्र शामिल हैं. यह रोग प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जा सकता है यदि व्यक्ति नियमित चिकित्सा जांच, स्वस्थ आहार, और नियमित शारीरिक गतिविधियों का पालन करे. चिकित्सा उपचार शामिल हो सकता है जैसे कि दवाओं का उपयोग, थेरेपी, और कई मामलों में चिकित्सकीय सलाह और उपचार. इसके अलावा, लोगों को ज्यादा संज्ञान में लेना चाहिए कि स्वस्थ जीवनशैली अधिक रोगों से बचाव में मदद कर सकती है और इसे कम कर सकती है. एक आंकड़ों के अनुसार, हर साल 7 लाख से ज्यादा इससे प्रभावित होते है.
सेरेब्रोवास्कुलर रोग (Cerebrovascular Disease) के लक्षण
सिरदर्द (Headache): अक्सर यह दर्द तेजी से बढ़ता है और नियमित होता है.
चक्कर आना (Dizziness): यह एक अन्य लक्षण है जो अक्सर साथ में देखा जाता है.
मूड में परिवर्तन (Mood Changes): यह रोगी के मूड में अस्थिरता या असमंजस का कारण बन सकता है.
बातचीत की समस्या (Speech Problems): व्यक्ति को बात करने में मुश्किल हो सकती है, और वह बोले गए शब्दों को सही तरीके से प्रोनाउंस करने में भी कठिनाई महसूस कर सकता है.
हाथ-पैरों में कमजोरी (Weakness in Limbs): हाथ और पैरों की कमजोरी या अनुभव कोई लचीलापन भी हो सकता है.
दृष्टि की समस्या (Vision Problems): व्यक्ति अक्सर देखने में परेशानी महसूस कर सकता है, जैसे कि धुंधलापन या अचानक दृश्य की खोई जाने की स्थिति.
अस्थिरता (Instability): रोगी को अक्सर बेहोशी का अनुभव हो सकता है और उनकी स्थिति में स्थिरता की कमी हो सकती है.
सांस लेने में कठिनाई (Breathing Difficulty): यह एक अन्य लक्षण हो सकता है जिसे रोगी अनुभव कर सकता है.
सेरेब्रोवास्कुलर रोग (Cerebrovascular Disease) का इलाज
दवा: डॉक्टर आमतौर पर रक्त प्रदर्शक, थर्मोलाइटिक्स (जैसे जैसा tPA), एंटीकोग्युलेंट्स, और अन्य दवाइयाँ निर्धारित कर सकते हैं जो रक्त प्रवाह को सुधारती हैं और रक्त क्लॉट का निर्माण को कम करती हैं.
सर्जरी: कुछ मामलों में, जैसे कि ब्लड क्लॉट्स को निकालने के लिए, सर्जरी अवस्था में आवश्यक हो सकती है.
रिहैबिलिटेशन थेरेपी: रहबिलिटेशन थेरेपी, जैसे कि भाषा, फिजियोथेरेपी, और ऑक्यूपेशनल थेरेपी, जिनका उपयोग रोगी की आम गतिविधियों को पुनः प्राप्त करने और स्वाभाविक जीवन में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
बदलती जीवनशैली: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और अत्यधिक शराब का परिहार, और रक्तचाप नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय के अनुसार जीवनशैली में परिवर्तन करना भी इस बीमारी के उपचार में मदद कर सकता है.
सेरेब्रोवास्कुलर रोग लक्षण अलग-अलग रूपों में और विभिन्न स्थितियों में प्रकट हो सकते हैं. बचाव और उपचार के लिए, रोगी को श्रेणीबद्ध चिकित्सा सेवा की आवश्यकता होती है.