CBI ने रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भारतीयों की तस्करी में शामिल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो विदेश में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाता था। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि ऐसे 35 मामले एजेंसी के सामने आए हैं, जिनमें सोशल मीडिया चैनलों, स्थानीय परिचितों और एजेंटों के माध्यम से उच्च वेतन वाली नौकरियों के झूठे वादे का लालच देकर युवाओं को रूस ले जाया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा कि तस्करी किए गए भारतीय नागरिकों को युद्ध से संबंधित कामों में प्रशिक्षित किया गया और उनकी इच्छा के विरुद्ध रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया गया, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई।

संघीय एजेंसी ने कुछ वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों और एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में 13 स्थानों पर छापे मारे गए।

प्रवक्ता ने कहा, इन एजेंट का मानव तस्करी नेटवर्क देश भर के कई राज्यों में फैला हुआ है और वे संगठित तरीके से काम कर रहे हैं।
सीबीआई ने दिल्ली में ‘24×7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन’ व इसके निदेशक सुयश मुकुट, मुंबई में ‘ओ एस डी ब्रॉस ट्रैवल्स एंड वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ व इसके निदेशक राकेश पांडे, चंडीगढ़ में ‘एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ व इसके निदेशक मंजीत सिंह और दुबई में स्थित ‘बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *