Caste Based Census: आमदनी के मामले में ‘पिछड़े’ सबसे पीछे, जानें सवर्ण और अन्य जातियों की इनकम

पटना. बिहार की जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद से रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं साथ ही नए तथ्य भी सामने आ रहे हैं. आर्थिक आंकड़ों की बात करें तो ये जानना बेहद जरूरी है कि बिहार में किस वर्ग के पास कितनी आय है यानी वो मासिक या सालाना कितना पैसा कमाते हैं. ऐसे में अगर बिहार सरकार द्वारा कराये गए गणना की रिपोर्ट को अगर देखें तो सामान्य वर्ग के पास लगभग 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए तक है वहीं 23 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार रुपए है.

सामान्य वर्ग में ही 19 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार तो वहीं 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार, 9 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है. पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है. पिछड़ा वर्ग में ही 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, 10 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार और 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है.

अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है वहीं अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 32 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, 2 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा हैं. अनुसूचित जाति वर्ग की बात करें तो इस जाति में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है. अनुसूचित जाति वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, 15 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, 5 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार, 1 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है.

अनुसूचित जनजाति वर्ग में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है. इसी वर्ग में 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार, 8 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार तो वहीं 2.53 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार रुपए है.

Tags: Bihar News, Caste Based Census, Caste Census

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