सुल्तानपुर सीट (उत्तर प्रदेश)
सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र की बात करते हैं. गोमती नदी के किनारे बसे सुल्तानपुर में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इस शहर का नाम सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के नाम से जाना गया. ब्रिटिश राज के दौरान यहां पर एक सैनिक चौकी बनाई गई थी. ये एक कृषि प्रधान क्षेत्र है. इस इलाके से मजरूह सुल्तानपुरी जैसे शायर निकले हैं.
बीजेपी किसे देगी टिकट?
सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी से कई दावेदार हैं. सबसे पहले मौजूदा सांसद मेनका गांधी का नाम लिया जा रहा है. गांधी परिवार की सदस्य मेनका गांधी का बीजेपी में तो ज़्यादा दबदबा नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में वो काफी एक्टिव रही हैं. इसलिए पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है. मेनका गांधी के बाद प्रेम शुक्ला का नाम भी चर्चा में है. शुक्ला बीजेपी के सीनियर नेता हैं और इस क्षेत्र में उनकी पैठ है. वो बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और सुल्तानपुर से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर इनका नाम भी चल रहा है.
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भारतीय जनता पार्टी सुल्तानपुर से लंभुआ के पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी को भी टिकट दे सकती है. लंभुआ क्षेत्र, सुल्तानपुर लोकसभा में आता है. वैसे सरोजिनी नगर, लखनऊ के मौजूदा विधायक राजेश्वर सिंह का नाम भी उम्मीदवारों के तौर पर लिया जा रहा है.
झालावाड़-बारां सीट (राजस्थान)
यूपी के सुल्तानपुर के बाद अब राजस्थान के झालावाड़-बारां निर्वाचन क्षेत्र की बात करते हैं. झालावाड़ अपने मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है. राजस्थान के झालाओं की छोटी-छोटी रियासतें जिस इलाके में थीं, उसे झालावाड़ का नाम दिया गया. ये मालवा पठार के किनारे पर पड़ता है. ये इलाका काफी पिछड़ा हुआ है और भारत के 250 सबसे ज़्यादा पिछड़े जिलों में आता है. ये इलाका पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का पारिवारिक गढ़ रहा है.
झालावाड़-बारां में किसे उम्मीदवार बनाएगी बीजेपी?
बीजेपी की लिस्ट में सबसे पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे और मौजूदा सांसद दुष्यंत सिंह का ही है. वो लगातार 4 बार यहां से चुने जा चुके हैं. दुष्यंत सिंह की इस इलाके में अच्छी छवि है. झालावाड़-बारां सीट के लिए दुष्यंत सिंह के बाद पार्टी के पुराने कार्यकर्ता नरेंद्र नागर का नाम भी चल रहा है. नागर ख़ानपुर विधानसभा श्रेत्र से 3 बार के विधायक रह चुके हैं. 2023 में नरेंद्र नागर चुनाव हार गए थे.
बीजेपी के इस गढ़ में किसे मौका देगी कांग्रेस?
राजस्थान सरकार में दो बार मंत्री रह चुके प्रमोद जैन भाया का नाम इस सीट के लिए ज़ोर-शोर से लिया जा रहा है. ये 3 बार अंता विधानसभा से विधायक रह चुके हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. लिहाज़ा पार्टी इन्हें टिकट दे सकती है. कांग्रेस पार्टी के पूर्व ज़िला अध्यक्ष रघुराज सिंह हाड़ा को भी यहां से टिकट दिया जा सकता है. ये अशोक हलोत के नज़दीकी माने जाते हैं.
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चुरू सीट (राजस्थान)
चुरू का इलाका 1694 में बने चुरू किले के लिए जाना जाता है. यहां से थार रेगिस्तान की शुरुआत होती है. 2019 में चुरू से भारतीय जनता पार्टी के राहुल कस्वां सांसद चुने गए थे. राहुल कस्वां ने कांग्रेस पार्टी के रफ़ीक़ मंडेलिया को हराया था. पिछले लोकसभा चुनाव में चुरू में कुल 13,28,222 वोट पड़े थे. कास्वां को 7,92,999 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को 4,58,597 वोट ही हासिल हुए.
बीजेपी से संभावित उम्मीदवार
चुरू सीट बतौर उम्मीदवार राहुल कस्वां का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. वह 2 बार से सांसद हैं. उनके पिता रामसिंग भी सांसद थे. दूसरा नाम पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का चल रहा है. चुरू उनकी जन्मस्थली है. पार्टी कार्यकर्ताओं में उनकी अच्छी पकड़ है. देवेन्द्र झंझडिया भी दावेदारी पेश कर रहे हैं. वो पीएम मोदी के नजदीकी माने जाते हैं.
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कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार?
इस सीट पर उम्मीदवार के तौर पर 3 नाम हैं. पहला नाम कृष्णा पूनिया का चल रहा है. इनका खेल के क्षेत्र में अच्छा खासा नाम है. सादुलपुर से पूर्व विधायक रह चुके हैं. नरेंद्र बुडानिया का नाम भी चर्चा में है. ये तारनगर से मौजूदा विधायक हैं. पिछले चुनाव में इन्होंने राजेन्द्र राठौर को हराया था. बड़े जाट नेता हैं और इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. अनिल शर्मा की दावेदारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता. ये सरदारशहर से मौजूदा विधायक हैं. राजस्थान के बड़े नेता रहे दिवंगत भंवरलाल शर्मा के बेटे हैं. इस क्षेत्र में इनकी अच्छी पकड़ है.
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