Canada News: कनाडा की इकोनॉमी का गुब्बारा फूटा, हजारों लोग छोड़ रहे देश; आखिर ऐसी क्या आफत आ पड़ी

Why thousands people leaving Canada: खालिस्तानी अलगाववादियों को शरण देकर भारत से दुश्मनी मोल लेने वाले कनाडा की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. वहां की चकाचौंध और ग्लैमर्स लाइफ का गुब्बारा अब फूटने लगा है. पिछले कुछ सालों से हजारों लोग कनाडा को छोड़कर दूसरे देशों में शिफ्ट हो रहे हैं. इसके चलते कनाडा की अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. अपने इन दुर्दिनों के लिए लोग कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की गलत नीतियों को जिम्मेदार बता रहे हैं. ऐसे में आपको जानना चाहिए कि आखिर वो ऐसी कौन सी वजह है, जिसके चलते लोगों को यह फैसला लेने को मजबूर होना पड़ रहा है. 

कनाडा छोड़कर जा रहे हजारों लोग

रॉयटर एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में अब रहना और जीवनयापन करना महंगा होता जा रहा है. बढ़ती आबादी के मुकाबले रिहायशी मकानों की संख्या कम होने की वजह से वहां पर घरों के किराये तेजी से बढ़ रहे हैं. आलम यह है कि जितनी लोगों की कमाई है, उसका 30 फीसदी हिस्सा उन्हें केवल मकान के किराये में चुकाना पड़ रहा है. इससे उनकी कमर टूट रही है और वे दूसरे देशों की ओर रुख कर रहे हैं. 

आखिर क्या है पलायन की वजह?

रिपोर्ट के मुताबिक करियर बनाने के लिए हॉन्गकॉन्ग से आकर कनाडा में रह रही 24 वर्षीय महिला एली (बदला हुआ नाम) भी अब इस देश को छोड़ने पर विचार कर रही है. वह बताती है कि परिवार चलाने के लिए हॉन्गकॉन्ग से कनाडा आई थी. वह पूर्वी टोरंटो के स्कारबोरो में एक कमरे वाले फ्लैट में रहती है. जिसका एक महीने का किराया 650 कनाडाई डॉलर पहुंच गया है. जबकि उसकी महीने भर की सैलरी ही करीब 1900 कनाडाई डॉलर है. यह किराया उनकी आमदनी का करीब 30 प्रतिशत हो गया है, जिसे चुकाना अब उनके बूते से बाहर होता जा रहा है. 

प्रवासियों के लिए बड़ा संकट

एली की तरह कनाडा में किराये के मकानों में रह रहे बाकी लोगों के सामने भी इसी तरह की दिक्कत है. सबसे ज्यादा परेशानी उन लाखों प्रवासी लोगों के लिए है, जो अच्छे जीवन की चाह में कनाडा में पहुंचे और महंगा घर होने की वजह से किराये के मकानों में रहने को मजबूर हैं. किराये में बेतहाशा बढ़ोतरी की वजह से वर्ष 2021 में करीब 85 हजार लोग कनाडा छोड़कर दूसरे देशों में बस गए थे. वहीं अगले साल 2022 में 93 हजार लोग कनाडा को छोड़कर दूसरे देशों में चले गए. इस साल भी अब तक लगभग 42 हजार कनाडा से पलायन कर चुके हैं. 

ट्रूडो सरकार की गलतियों का खामियाजा

कनाडा से लोगों के पलायन की वजह से वहां की इकोनॉमी को झटका लग रहा है. वहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से प्रवासी लोगों से होने वाली आमदनी पर टिकी है. ऐसे में प्रवासियों के पलायन से वहां की सरकार भी घबराहट में है. लोगों का कहना है कि ट्रूडो की गलत नीतियों की मार उन्हें भुगतनी पड़ रही है. कनाडा में ज्यादा आवास बनाए जाने की जरूरत है लेकिन ट्रूडो सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में मौजूदा आवासों के मालिक एकतरफा तरीके से मकानों का किराया बढ़ाते जा रहे हैं और सरकार चुप बैठी है. 

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