Budget Session: राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के साथ आज से शुरू होगा बजट सत्र, वित्त मंत्री कल करेंगी अंतरिम बजट पेश

नई दिल्ली:

Budget Session 2024: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट कल पेश होगा. बजट सत्र की शुरुआत आज (बुधवार) से हो रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो जाएगी. वर्तमान लोकसभा का यह आखिरी सत्र होने की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल यानी एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. क्योंकि अप्रैल-मई में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. मई में नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार (30 जनवरी) को सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जम्मू-कश्मीर के लिए भी बजट पेश करेंगी. फिलहाल घाटी में राष्ट्रपति शासन लागू है.

इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा विपक्ष

बजट सत्र का मुख्य एजेंडा राष्ट्रपति का अभिभाषण, अंतरिम बजट की प्रस्तुति और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब देना है. इससे पहले मंगलवार को हुए सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने कई मुद्दे उठाए. 9 फरवरी तक चलने वाले 17वीं लोकसभा के आखिरी बजट सत्र में विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा.

सर्वदलीय बैठक के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश ने कहा कि पार्टी सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति का मुद्दा सदन में उठाएगी. संसद के पुस्तकालय में हुई सर्वदलीय बैठक से पहले टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और सुखेंदु शेखर ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की. इस बैठक में एमडीएमके सांसद वाइको भी शामिल हुए. 

14 निलंबित सांसद भी हो सकते हैं बजट सत्र में शामिल

बता दें कि बजट सत्र में विपक्ष के वे 14 सांसद भी शामिल हो सकते हैं जिन्हें शीतकालीन सत्र के दौरान निलंबित करने के साथ उनके मामले को विशेषाधिकार समितियों के पास भेजा गया था. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि निलंबित सांसदों के संबंध में सरकार के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सहमति जताई है.

इन निलंबित सांसदों के संबंध में लोकसभा और राज्यसभा से संबंधित विशेषधिकार समितियों ने इस बात की सिफारिश की थी कि शीतकालीन सत्र के दौरान के अपने आचरण के लिए खेद व्यक्त करने के बाद इन सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए. गौरतलब है कि दोनों सदनों के कुल 146 विपक्षी सांसदों का निलंबित किया गया था. इनमें से 100 लोकसभा सदस्य और 46 राज्यसभा सदस्य शामिल थे. इनमें 132 सांसदों का निलंबन शीतकालीन सत्र के लिए था, लेकिन 14 सांसदों के मामलों को दोनों सदनों की विशेषाधिकार समितियों के पास भेजा गया था.

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