नई दिल्ली:
Budget 2024: भारत सरकार नए वित्तीय साल में ग्रामीण इलाकों में कच्चे घरों में रह रहे गरीब परिवारों के नए 2 करोड़ नए घरों का निर्माण करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में इस अहम फैसले का ऐलान किया है. उद्योग जगत ने वित्त मंत्री के इस ऐलान का स्वागत किया है.
यह भी पढ़ें
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद पीएम आवास योजना (ग्रामीण) का कार्यान्वयन जारी रहा. हम तीन करोड़ घरों के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब हैं. परिवारों की संख्या में वृद्धि की वजह से उनकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे.
PM आवास योजना (ग्रामीण) का विस्तार पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन 66% बढाकर 79000 करोड़ कर दिया था. मौजूदा वित्तीय साल के दौरान 31 मार्च, 2024 तक गरीब ज़रुरतमन्दों के लिए 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य तय है. अगले पांच साल में 2 करोड़ और नए घर ग्रामीण इलाकों में बनेंगे.
एनडीटीवी ने जब अंतरिम बजट पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वित्त मंत्री से इस बजतीय प्रस्ताव के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि सरकार नए घर बनाने के लक्ष्य के करीब पहुंच गई है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब 3 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य इस साल पूरा होने वाला है. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि इस पर कितने खर्च होंगे. इसका प्रावधान बजट में शामिल किया गया है.
सरकार का आंकलन है कि पीएम आवास योजना के तहत गरीब ज़रूरतमंदों के लिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में घरों के निर्माण से न सिर्फ गरीबों को पक्का घर मिला, बल्कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़े उद्योगों को फायदा हुआ और ग्रामीण इलाकों में रोज़गार के नए अवसर भी पैदा हुए. यही वजह है कि सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत 2 करोड़ और नए घरों का निर्माण करने का फैसला किया है.
उद्योग संघ CII ने अपने प्री-बजट मेमोरेंडम में प्रधान मंत्री आवास योजना पर बजट आवंटन बढ़ाने का सुझाव दिया था. अब CII अध्यक्ष कहते हैं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी ये अहम साबित होगा. CII अध्यक्ष ने कहा कि हम खुश हैं कि प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत अगले पांच साल में 2 करोड़ नए घर बनेंगे. इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ेगा क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका इफ़ेक्ट पड़ेगा. इस नए बजट प्रस्ताव को लागू करने की प्रक्रिया नए वित्तीय साल में शुरू होगी.