Breastfeeding Tips: पीरियड्स के कारण ब्रेस्ट फीडिंग की मात्रा में कमी आने पर ले ऐसी डाइट, गुणवत्ता पर नहीं होगा असर

मां का दूध बच्चे को बीमारी और इंफेक्शन से बचाकर रखता है। यदि उसे किसी कारण से मां का दूध नहीं मिलता है, तो बच्चे को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नवजात बच्चा जन्म से लेकर 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पीता है। यदि उसे किसी कारण से मां का दूध नहीं मिलता है, तो बच्चे को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मां का दूध बच्चे को बीमारी और इंफेक्शन से बचाकर रखता है। ब्रेस्‍टफीड‍िंग की प्रक्र‍िया प्रभावित होने पर उसका असर बच्चे की सेहत पर देखने को मिलता है। वहीं कुछ महिलाओं का मानना है कि पीरियड्स के दिनों में बच्चे को स्तनपान करवाने में उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है। 

बता दें कि पीरियड्स होना मह‍िला के शरीर में हार्मोनल पर‍िवर्तनों की एक प्रक्रिया है। इस दौरान महिला के शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से महिलाओं को बच्चे को स्तनपान करवाने में समस्या होती है। वहीं कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द को अनुभव करती हैं। ऐसे में उनको स्तनपान करवाने में परेशानी होती है। आइए जानते हैं क्या सच में पीरियड्स के दौरान ब्रेस्‍टफीड‍िंग की प्रक्रिया प्रभावित होती है। 

पीर‍ियड्स में स्‍तनपान की प्रक्र‍िया

पीरियड्स के दौरान म‍िल्‍क सप्‍लाई कुछ हद तक प्रभाव‍ित हो सकती है। पीर‍ियड्स के दौरान प्रोजेस्ट्रॉन और एस्‍ट्रोजन हार्मोन के स्‍तर में परिवर्तन होने के कारण यह हार्मोन मिल्क सप्लाई को प्रभावित करता है। वहीं कुछ महिलाओं को पीर‍ियड्स के समय कम म‍िल्‍क सप्‍लाई का अनुभव होता है। इसे स्तनपान के दौरान महसूस किया जा सकता है। बता दें कि स्तनपान या फिर पीरियड्स से संबंधित कोई असामान्य लक्षण नजर आने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डॉक्टर स्थिति का सही मूल्यांकन कर सकेंगे। लेकिन इस दौरान आपको धैर्य रखना होगा। इस दौरान बच्चे के स्वास्थ्य पर भी गौर रखना चाहिए। हर महिला को ऐसे लक्षण लगे, ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन इस दौरान दूध की गुणवत्ता पर कोई असर पड़ता है या नहीं, इस पर कोई ठोस रिसर्च नहीं की गई है। 

पीर‍ियड्स के दौरान ऐसे कराएं श‍िशु को ब्रेस्‍टफीड‍िंग

महिलाएं अपनी डाइट में हेल्दी फूड शामिल करें जैसे- सब्‍ज‍ियां, अनाज, फल, दूध, दही और प्रोटीन युक्‍त आहार आद‍ि।

मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। क्योंकि पीरियड्स के दौरान शरीर को पानी की जरूरत होती है। 

हेल्दी हैबिट्स को जरूर फॉलो करें। जैसे- तनाव न लें, समय पर सोएं और हल्की एक्सरसाइज करें।

पीर‍ियड्स के दौरान स्‍तन में दर्द या क‍िसी भी तरह का असामान्‍य लक्षण लगने पर डॉक्‍टर से सलाह लेना न भूलें।

मिल्क सप्लाई कम होने पर

सबसे पहले तनाव लेना कम करें, क्योंकि ज्यादा स्ट्रेस लेने से म‍िल्‍क सप्‍लाई की कमी हो सकती है। 

पीरियड के दर्द को कम करने के लिए दवा या पेनकिलर का सेवन न करें। बता दें कि दवा का असर भी मिल्क सप्लाई को घटा सकता है। 

बच्चे को नियमित रूप से स्तनपान कराएं। जब तक आप ब्रेस्ट को पूरी तरह से खाली नहीं करेंगी, तो मिल्क सप्लाई सही से नहीं हो सकेगा।

ब्रेस्ट की मालिश करें। इससे आपको स्तनपान कराने में मदद मिलेगा। साथ ही इससे मिल्क सप्लाई को भी बढ़ाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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