BPSC Result: B.Tech के बाद ठुकरा दिया प्लेसमेंट, फिर पहले प्रयास में ही SDM बनीं नीतू

जमुई. बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है, जिसमें जमुई जिले के छोटे से जगह सिकंदरा की एक बेटी नीतू कुमारी ने सफलता का परचम लहराते हुए 219वीं रैंक लाते हुए एसडीएम के पद को हासिल किया है. नीतू कुमारी के पिता राजेश वर्मा सिकंदरा में ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं. दसवीं और बारहवीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम वाले सरकारी स्कूल-कॉलेज से करने के बाद नीतू ने बीटेक की किया और सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई.

नीतू ने अपने पहले प्रयास में ही मेहनत और लगन के बल पर एसडीएम का पद हासिल किया है. नीतू की इस सफलता के बाद उसे और उसके परिवार वालों को लोग बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं. सिकंदरा बाजार में ज्वेलरी की दुकान चलाने वाले नीतू के पिता राजेश वर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को कभी नहीं रोका. वह जो पढ़ना चाही, उसे पढ़ने दियाय. बीटेक करने के बाद उसका प्लेसमेंट भी हो गया था लेकिन उसने इच्छा जाहिर की थी कि वह सर्विसेज की तैयारी करेगी, जिसमें अपनी जिम्मेदारी निभाई.

नीतू की मां ने भी बताया कि वह बेटा बेटी में फर्क नहीं करतीं. आज गर्व है कि मेरी बेटी नीतू ने वह करके दिखाया जिससे परिवार का समाज में मान बढ़ा है. पहले ही प्रयास में बीएससी की परीक्षा में सफलता पाने वाली नीतू से जब पूछा गया कि बीटेक करने के बाद उसने सिविल सर्विसेज की तैयारी क्यों की, तब उसने बताया कि वह सारे फील्ड में काम करना चाहती थी, जिसके लिए सिविल सर्विसेज से बढ़िया कोई रास्ता है ही नहीं. तैयारी किस तरह से की, इस बारे में पूछे जाने पर नीतू ने बताया कि कोचिंग करने के बाद कोरोना आ गया था, फिर इंटरनेट के माध्यम से ही अपनी तैयारी की घर में बैठकर 10 से 12 घंटा सेल्फ स्टडी करते हुए मैंने सभी विषयों और टॉपिक को बढ़िया से पढ़ा.

ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले स्टूडेंट जो प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होते हैं उनके लिए क्या संदेश होगा, इस पर नीतू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी प्रतिभा है. जरूरत है कि खुद पर भरोसा करते हुए लगन के साथ मेहनत किया जाए. मैं सभी लोगों से कहूंगी कि वो लोग अपनी बेटी को सपोर्ट करें ताकि वह आगे बढ़ें. नीतू ने बताया कि अपनी सफलता के लिए अपने पापा को ही वह रोल मॉडल मानती है. एसडीम बनकर उसकी इच्छा होगी कि वह गरीबों के लिए काम करें. जो भी जरूरतमंद हैं, जिनके घर तक सरकारी योजनाएं पहुंचनी चाहिए उनके लिए वह काम करते रहेगी.

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