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सांबा जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास होम स्टे के मालिक पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यहां के लोगों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम लागू होने के बाद जमीनी स्थिति में स्पष्ट बदलाव आया है।
सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सांबा सेक्टर में एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत चालीस होम स्टे की पहचान की गई है, जो पर्यटकों को इस बात का अनुभव कराएंगे कि सीमा पर रहने वालों का जीवन कैसा होता है। इन होम स्टे में वाई-फाई और यहां तक कि छोटे जिम सहित सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इन होम स्टे का उद्देश्य पर्यटकों की सभी जरूरतों को पूरा करना है।
सांबा जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास होम स्टे के मालिक पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यहां के लोगों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम लागू होने के बाद जमीनी स्थिति में स्पष्ट बदलाव आया है। हम आपको यह भी बता दें कि इन होम स्टे में अच्छी तरह से सुसज्जित भूमिगत बंकर भी बनाये गये हैं ताकि पर्यटकों को सीमा पर रहने का अहसास भी हो सके और जरूरत पड़ने पर उनकी सुरक्षा भी हो सके। हम आपको बता दें कि सांबा जिले में 55 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई स्थान हैं जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है जैसे चमलियाल मंदिर, 300 साल पुराना मंदिर बामू चक, बाबा बाली करण और बाबा सिद्ध गोरिया तीर्थस्थल।
बताया जा रहा है कि सीमा पर्यटन योजना को विशेषकर युवा उद्यमियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है जो अपने घरों को होम स्टे में बदलने के लिए तैयार हैं। पर्यटकों की ओर से भी जिस प्रकार सीमा पर्यटन में रुचि दिखाई जा रही है उससे होम स्टे मालिक और प्रशासन दोनों खुश हैं। देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर जाना पसंद कर रहे हैं इसीलिए सरकार स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सीमा पर्यटन की योजना लेकर आई है। जिले के लोग इस योजना के लिए मोदी सरकार और राज्य प्रशासन को धन्यवाद कह रहे हैं और उनका कहना है कि हमारा गांव आईबी से सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और हम चाहते हैं कि लोग बड़ी संख्या में आएं। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली या मुंबई से आने वाले व्यक्ति ने केवल सुना है सीमाओं के बारे में लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें जमीनी स्थिति का अहसास होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि होम स्टे कुछ पैसे कमाने के अलावा घुलने-मिलने और एक-दूसरे की संस्कृति को जानने समझने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
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