Board Exam Tips: बोर्ड परीक्षा में चाहिए 90 % मार्क्स? इन टिप्स का रखें ध्यान

रामकुमार नायक, रायपुरः छत्तीसगढ़ में आज से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. आज सुबह 9 बजे से ही परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र पहुंच कर बोर्ड परीक्षा का श्रीगणेश कर चुके हैं. 12वीं बोर्ड की परीक्षा 1 से 23 मार्च तक चलेगी, इसके लिए प्रदेशभर में 2475 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के लिए 6 लाख 6 हजार 578 स्टूडेंट्स ने पंजीयन कराया था. इनमे से 12वीं के 2 लाख 61 हजार 35 छात्र-छात्राएं परीक्षा में भाग ले रहे हैं, वहीं 10वीं में 3 लाख 45 हजार 543 छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे. 10वीं की परीक्षा 2 मार्च से शुरू होने वाली है. इस दौरान बच्चों के अलावा, उनके माता-पिता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, कि घर में किस तरह का माहौल रखना चाहिए या फिर बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, आइए जानते हैं.

आपको बता दें कि माता-पिता को परीक्षा के दौरान बच्चों के हाव-भाव, खान-पान और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. दरअसल, परीक्षा के नाम पर टेंशन तो सभी को होती है, चाहे वह छोटे बच्चे हों या फिर कोई बड़ा बच्चा, लेकिन सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा एग्जाम में अच्छा रिजल्ट हासिल कर सके. एग्जाम में अच्छा परफॉर्म करना, यह सिर्फ बच्चों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि माता-पिता की भी जिम्मेदारी होती है. जब भी बच्चों की परीक्षा शुरू हो, तो माता-पिता को छोटी-छोटी बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

माता-पिता की उपस्थिति महत्वपूर्ण
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सहायक प्राध्यापक प्रीति शुक्ला से इसको लेकर लोकल 18 की टीम ने बात की, तो उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान माता-पिता की भी उतनी जिम्मेदारी होती है, जितनी बच्चों की. उन्होंने बताया कि अगर बच्चा बोर्ड परीक्षा या अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहा है. तो ऐसे में माता-पिता की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. बच्चे अगर एकदम से तनाव में रहते हैं या बच्चे का व्यवहार परीक्षा के समय बदलता दिखाई देता है, तो उसको माता-पिता को जरूर ध्यान देना चाहिए.

बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान
सहायक प्राध्यापक प्रीति शुक्ला ने बताया कि माता-पिता सालभर अपने बच्चे को देखते हैं और परीक्षा के समय देखते हैं. उन्होंने कहा कि यदि जरा भी व्यवहार में बदलाव दिखता है, तो बिल्कुल उनसे संवाद करना चाहिए और बच्चों से पूछना चाहिए कि क्या बात है, क्यों चुप रहते हो, कुछ तकलीफ तो नहीं हो रही है, कोई तनाव तो नहीं है. इन सब सवाल पूछकर समस्या का समाधान करना चाहिए. इसके अलावा, परीक्षा के दौरान बच्चों के खान-पान में विशेष ध्यान देना चाहिए. पढ़ने के समय को ध्यान में रखकर बेहतर माहौल देना चाहिए. इसके अलावा, घर का वातावरण का भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.

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