Black fever: कालाजार बीमारी क्या होती है और ये कैसे फैलता है, जानें यहां

नई दिल्ली:

Black fever: कालाजार एक इंफेक्शन है जो बैक्टीरिया लीशमानिया डोनोवानी के कारण होता है.यह बैक्टीरिया सफेद चिट्ठियों के काटने से होता है. हालांकि कैरियर के रूप में मच्छरों के जलने या काटने के कारण होता है. कालाजार का प्रमुख कारण लीशमानिया बैक्टीरिया होता है, जो मच्छरों के काटने या चिट्ठियों के माध्यम से इंसान के शरीर में प्रवेश करता है. जब शख्स इस बैक्टीरिया के संक्रमण का असर होता है तो इंसान बीमार हो जाता है और उसे कालाजार कहा जाता है. यह बीमारी गंभीर हो सकती है और यह तब तक बढ़ सकती है जब तक उपचार नहीं किया जाता है. इस दौरान संक्रमित व्यक्ति पर बुरा असर दिखाई देता है. वो कोई भी काम करने के लायक नहीं बचता है. कहा जाता है कि वो दिनभर सोता ही रहता है. चाहे वो कितना भी सोया ही क्यों नहीं हो.

कालाजार होने के कारण

मच्छरों के काटने या जलने से प्राप्त होना.

संक्रमित व्यक्ति के रक्त से संपर्क के माध्यम से.

अनुपयोगी स्वास्थ्य सुविधाओं, जैसे कि कांग्रेस्ट शर्मिक आवास या अस्पताल, में रहना.

नशा करने वाले या बाहरी देशों में यात्रा करने वाले व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा हो सकता है.

कालाजार के इंफेक्शन को समय पर पहचाना और उपचार किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि यह बीमारी और उसके संभावित परिणामों को नियंत्रित किया जा सके. कालाजार बीमारी का इलाज अधिकांश मामलों में दवाईयों के माध्यम से किया जाता है. कालाजार के इलाज के लिए प्रमुख दवाओं में एमआईटी (मिल्टीड्रग थेरेपी), अंबीसोमाइसिन, पेंटोस्टिगमाइन, आमफोटेरिसिन बी, लीपोसोमल अम्फोटेरिसिन ब, सोडियम स्टिबोग्लूकोनेट, और पारोमोमाइसिन शामिल हैं. इन दवाओं का उपयोग रोगी के लक्षणों और रोग के प्रकार के आधार पर किया जाता है.

साथ ही, कालाजार रोगी के साथ संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं भी अद्यतन रूप से प्रदान की जाती हैं, जैसे कि भोजन का पोषण, साफ़-सफाई, और जल संचार की आवश्यकता का ध्यान रखा जाता है. विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई भी दवाई ना लें और उनके निर्देशों का पालन करें. कालाजार के इलाज की दवाओं को सही खुराक और समय पर लेना बहुत महत्वपूर्ण है. अधिक गंभीर मामलों में, चिकित्सक से सलाह लें और उनके निर्देशों का पालन करें.

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