जहां तक मोहन यादव की बात है तो वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और आरएसएस के करीबी नेता माने जाते हैं। वह तीसरी बार के विधायक हैं और आज सुबह तक उन्हें भी खबर नहीं थी कि वह मुख्यमंत्री होंगे।
उज्जैन दक्षिण से भाजपा विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के नये मुख्यमंत्री होंगे। 58 वर्षीय ओबीसी नेता मोहन यादव को भोपाल में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। हम आपको बता दें कि वह निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत थे। विधायक दल की बैठक में निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने समर्थन किया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला उपमुख्यमंत्री बनाये जायेंगे। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष होंगे।
जहां तक मोहन यादव की बात है तो वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और आरएसएस के करीबी नेता माने जाते हैं। वह तीसरी बार के विधायक हैं और आज सुबह तक उन्हें भी खबर नहीं थी कि वह मुख्यमंत्री होंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ विधायकों की बैठक से पहले जब नवनिर्वाचित विधायकों का सामूहिक चित्र खिंचवाया जा रहा था तब वह पीछे की पंक्ति में बैठे थे। मोहन यादव को मध्य प्रदेश की कमान सौंप कर भाजपा नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से बड़ा दांव खेला है। मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। मोहन यादव चूंकि ओबीसी समाज से आते हैं इसलिए उनके मुख्यमंत्री बनने से इस वर्ग में बड़ा संदेश जायेगा। एक दिन पहले ही भाजपा ने छत्तीसगढ़ की कमान आदिवासी को सौंपी और अब ओबीसी का नाम मध्य प्रदेश में आगे करके कांग्रेस के जाति जनगणना अभियान की हवा पूरी तरह निकाल दी है।
इसके साथ ही भाजपा ने यह भी दर्शा दिया है कि जहां आम लोगों की सोच खत्म होती है वहां से मोदी और शाह की सोच शुरू होती है। हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए एक दर्जन से ज्यादा नाम चर्चा में थे लेकिन नाम ऐसा सामने आया जिसकी किसी और ने तो क्या खुद मोहन यादव ने भी कल्पना तक नहीं की होगी। वैसे आज सुबह से ही शिवराज सिंह चौहान के चेहरे से यह तो साफ नजर आ रहा था कि भाजपा नेतृत्व उन्हें यह बता चुका है कि उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जायेगा। वैसे मामा के रूप में विख्यात शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में 18 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में शासन किया और इस तरह से वह राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। माना जा रहा है कि उन्हें अब केंद्रीय राजनीति में लाया जायेगा।
जहां तक मोहन यादव की बात है तो उन पर पार्टी के चुनावी संकल्प पत्र में किये गये वादों को पूरा करने का दारोमदार तो रहेगा ही साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को सभी 29 सीटों पर जितवाने की जिम्मेदारी भी रहेगी। उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में कांग्रेस नेता कमलनाथ की सरकार रहने के दौरान भाजपा ने 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा 2024 में अपने उस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है और इस बार सभी 29 सीटें हासिल करना चाहती है। बहरहाल, आइये देखते हैं मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा क्या कह रहे हैं उसके बाद आपको दिखाएंगे विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मोहन यादव ने क्या कहा। फिर उसके बाद आपको दिखाएंगे कैसे उनके घर में खुशियां मनाई जा रही हैं।
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