BJP नेता ने भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को वोट ना दिलाने की दी धमकी

झुंझुनूं न्यूज: चुनावी मौसम में राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारियों की बयानबाजी भी जमकर होने लगी है. टिकट कटने के डर से नेता दिल खोलकर अपनी भड़ास निकाल रहे है. वहीं पांच साल तक पार्टी के लिए जीने—मरने के भाषण देने वालों ने भी आंख दिखाना शुरू कर दिया है. ताजा मामला झुंझुनूं का है. जहां पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष जयसिंह मांठ का एक विवादास्पद बयान सामने आया है. जिसके बाद पार्टी ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

भाजयुमो जयसिंह मांठ का बयान

दरअसल, गुढ़ागौड़जी में भाजपा की बैठक में भाजयुमो जयसिंह मांठ ने भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को वोट ना दिलाने की धमकी दी है. जयसिंह मांठ ने बताया कि ​चर्चा है कि उदयपुरवाटी की सीट भाजपा अपने गठबंधन के कारण शिव सेना के लिए छोड़ने जा रही है. इसी चर्चा के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस व्यक्ति ने समाज को हमेशा लूटने का प्रयास किया, समाज को लूटा गया. उदयपुरवाटी के सीने पर घाव करने का काम किया है. यदि उसके लिए आज गठबंधन होता है तो भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता उसका स्वीकार नहीं करेगा. कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे. उसमें चाहे कितनी भी शक्ति लगेगी. 

उन्होंने कहा कि हम अपनी ऐडी से लेकर चोटी तक का जोर लगाकर उसको हराने वाले उम्मीदवार के साथ तन, मन और धन से लग जाएंगे. झुंझुनूं जिले का जिलाध्यक्ष बन रखा है. सात विधानसभा क्षेत्र है. छह विधानसभा क्षेत्र के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट मांगेंगे. लेकिन जिस विधानसभा की मशीन में भाजपा का निशान नहीं. उसमें हमारे कुछ लागू नहीं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पार्टी भी सक्रिय हो गई है. मामले पर बोलते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया ने कहा कि इस प्रकार का बयान निश्चित रूप से गलत है. इसकी रिपोर्ट बनाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रदेश नेतृत्व को लिखा जाएगा. 

गठबंधन करना या ना करना, शीर्ष नेतृत्व का काम है. जिला स्तर के पदाधिकारियों को इस मामले में इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से पार्टी भाजयुमो जिलाध्यक्ष पद पर कार्रवाई करेगी. आपको बता दें कि जयसिंह मांठ, अपनी नियुक्ति से लेकर अब तक हमेशा विवादों में रहे है. जब उनकी नियुक्ति हुई तो भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने पैसों का लेन—देन कर सांठ—गांठ से नियुक्ति पाने का आरोप लगाया था. वहीं जयसिंह मांठ की नियुक्ति के बाद उनके लचर प्रदर्शन से ना केवल प्रदेश नेतृत्व, बल्कि जिला नेतृत्व भी उनसे नाराज चल रहा है. अब इस तरह की बयानबाजी से लगता है कि मांठ खुद भी संगठन को बाय—बाय करने का मौका ढूंढ रहे है. इसलिए वे उदयपुरवाटी के सहारे अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने की जुगत में है.

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