Bikaner: यहां निकली तीज माता की शाही सवारी, 400 साल पुरानी है यह परंपरा

निखिल स्वामी/बीकानेर. सजे-धजे ऊंट, पालकी, शाही निशान, पंचरंगी साफा पहने पूर्व राजपरिवार के सदस्य, बैंड पर बजती भजनों और राजस्थानी लोकगीतों की स्वरलहरियां, और तलवारों की सुरक्षा के बीच तीज माता की प्रतिमा, प्रतिमा के आगे लोक नृत्य करती महिलाएं और तीज माता के दर्शन के लिए खड़े शहर के लोग. यह नजारा शनिवार को तीज पर जूनागढ़ किले से निकली शाही सवारी का रहा.

हर साल की तरह इस साल भी कजली तीज के अवसर पर तीज माता की शाही सवारी किले के मुख्य द्वार से होकर सादूल सर्किल तक निकली. इस दौरान तीज माता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग खड़े थे. पुलिस की कड़ी सुरक्षा में यह सवारी निकाली गई. सवारी से पहले जूनागढ़ में राज पंडित की ओर से तीज माता का पूजन करवाया गया. सवारी सादूल सर्किल होते हुए वापस जूनागढ़ पहुंची. इस दौरान तीज माता ने बेशकीमती गहने पहने हुए थे.

राज पंडित लव कुमार देराश्री ने बताया कि यह रियासत काल से परंपरा चली आ रही है. यह शाही सवारी करीब 400 साल से अधिक सालों से चली आ रही है. यहां महिलाएं तीज माता के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना करती हैं. कई महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना भी करती हैं. इसके अलावा लक्ष्मीनाथ मंदिर सहित कई जगह पर तीज पर मेले जैसा माहौल रहा. वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने सत्तू खाकर व्रत का पारण किया.

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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 00:11 IST

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