Bihar Politics: पटना से 380 किमी दूर अपने विधायकों को क्यों बुला रही कांग्रेस, किस बात का है डर?

हाइलाइट्स

कांग्रेस ने अपने विधायकों को पूर्णिया बुलाया, विधायक दल की बैठक प्रस्तावित.
राष्ट्रीय जनता दल विधायक दल की बैठक आज पटना में दिन के 1.30 बजे के बाद.
भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक पटना में आज शाम 4 बजे के बाद.
जनता दल यूनाइटेड विधायक दल की बैठक 28 जनवरी को सुबह 10 बजे के बाद.

पटना. बिहार की राजनीति में उथल पुथल है और हर ओर सस्पेंस बरकरार है. सवाल एक ही है कि आगे क्या होने जा रहा है? इसके साथ सवाल यह भी कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए खेमे में जा सकते हैं? इस बीच राजद, जदयू, कांग्रेस और भाजपा अपनी तैयारियों में लग गई है. इन चारो ही राजनीतिक पार्टियों के विधायकों, सांसदों व नेताओं के साथ एक के बाद एक बैठकों का दौर शुरू होने वाला है. सबसे पहली बैठक बिहार कांग्रेस विधायक दल की बैठक है जो पूर्णिया में करीब 12.30 बजे दोपहर में होने वाली है.

कांग्रेस की बैठक पूर्णिया के गोकुल कृष्ण आश्रम में होगी. यह बैठक इस लिहाज से अहम मानी जा रही है कि राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए 29 जनवरी को सीमांचल के दौरे पर रहेंगे. वह पूर्णिया, अररिया और किशनगंज के रास्ते 30 जनवरी को बंगाल पहुंचेंगे. 30 जनवरी को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में उनकी बड़ी सभा भी है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों की यह बैठक इसकी तैयारियों को लेकर है. पूर्णिया में मीटिंग करने के पीछे अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर कांग्रेस से अपने गढ़ के रूप में डेवलप करना चाहती है. साथ ही नए सियासी घटनाक्रम को देखते हुए भी इस बैठक को जोड़कर देखा जा रहा है.

दरअसल, कांग्रेस विधायक दल की बैठक पूर्णिया में करने की वजह बिहार में सियासी उथल पुथल भी है. कहा जा रहा है कि जदयू के एनडीए में जाने की स्थिति में इसके कुछ विधायक टूट कर राजद के साथ जा सकते हैं. ऐसे में जदयू भी अपनी तैयारियों में है और उसकी नजर कांग्रेस पर है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 10 से अधिक विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और इनके फोन भी लगातार बंद आ रहे हैं. ऐसे में पूर्णिया में कांग्रेस की बैठक के पीछे बड़ी वजह यह है कि पटना और पूर्णिया के बीच तीन सौ किलोमीटर से अधिक दूरी भी है. आगामी राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह बेहद अहम है.

वहीं, पटना में आज ही दिन में करीब 1.30 बजे राजद विधायक दल की बैठक है. इसमें पार्टी के सभी 79 विधायकों के साथ वरिष्ठ नेताओं को भी रहने के लिए कहा गया है. कहा जा रहा है कि गठबंधन टूटने की सूरत में राजद भी सरकार बनाने का दावा कर सकता है. हालांकि, उसके पास फिलहाल बहुमत 122 सीट से 8 सीटें कम हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि राजद गठबंधन 114 की अपनी संख्या को 122 तक ले जाने के लिए जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 4, एआईएमआईएम के 1 और एक निर्दलीय विधायक को अपने पाले में करने की कवायद में लगा है.

दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि जदयू के टूटने का खतरा भी है. इसको लेकर जदयू की ओर से भी काफी तैयारियां की जा रही हैं. जदयू और भाजपा भी अपनी रणनीति बना रही है. कांग्रेस के कुछ विधायकों को तोड़ने की योजना है और एक अलग गुट बनाकर उसे मान्यता दिए जाने की चर्चा है. वहीं अंदर ही अंदर जदयू के एक बड़े मंत्री से कांग्रेस के विधायकों की बातचीत भी होने की बात सामने आ रही है. बता दें कि जदयू की विधायक दल की बैठक 28 जनवरी को सुबह 10:00 बजे मुख्यमंत्री आवास में होने की खबर है.

वहीं, भाजपा विधायकों और प्रदेश स्तर के शीर्ष नेताओं की बैठक आज शाम को ही 4.30 बजे होने वाली है. इसमें प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, सांसद सुशील कुमार मोदी, राज्य प्रभारी विनोद तावड़े समेत कई बड़े नेताओं की भी मौजूदगी रहेगी. अब देखने वाली बात हो गई कि इन बैठकों के दौर के बाद आगे बिहार में क्या होगा. भाजपा सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार कांग्रेस के 10 से अधिक विधायक उनके संपर्क में हैं. जदयू के वरिष्ठ मंत्री के कांग्रेस के विधायक हैं और कांग्रेस को झटका देने की तैयारी है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, Nitish kumar

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