Bihar MLS Election: नीतीश-राबड़ी समेत इन 11 चेहरों का कार्यकाल पूरा, कौन करेगा रिटेन, किसका कटेगा पत्ता

पटना. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव होना होना है. चुनाव को लेकर बिहार में सियासी हलचल बेहद तेज है. कौन एनडीए का और कौन महागठबंधन का उम्मीदवार होगा, इस पर दोनों खेमों के नेताओं की नजरें गड़ी हुई हैं. दरअसल बिहार विधान परिषद चुनाव पर इस वक्त बिहार के सियासी हलके से जुड़े उन उम्मीदवारों की नजरें गड़ी हुई हैं जिन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी उन्हें उच्च सदन यानी विधान परिषद में भेज सकती है.

कोई भी दावेदार खुलकर तो इस वक्त नहीं बोल रहा है लेकिन अंदर खाने लगातार जानकारी लेने की कोशिश में लगा हुआ है कि वो इस रेस में है कि नहीं. लोकसभा चुनाव के पहले होने वाले MLC की 11 सीटों के चुनाव को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि एनडीए और महा गठबंधन अपने उम्मीदवारों के बहाने खास वोट बैंक को बड़ा मैसेज देने की कोशिश करना चाहता है. राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडे भी मानते हैं कि 11 उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में ख़ास वोट बैंक को मैसेज दे सकते हैं.

दरअसल 11 MLC की जो 11 सीटें खाली हो रही हैं उसमें से बहुत कम पर पुराने चेहरे रिपीट हो सकते है और जो रिपीट होंगे उनकी भी खास वजह है. पहले जानते हैं कि कौन-कौन वो एमएलसी हैं, जिनकी सीटें खाली होगीं और उनकी संभावना क्या है. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में इनका फिर से जाना तय है. राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता विरोधी दल हैं लिहाजा इनका जाना भी तय है. बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन पार्टी के तेज-तर्रार नेता हैं और मुस्लिम चेहरा हैं, लिहाजा इनका लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है अगर पार्टी इनको टिकट देती है तो इनकी जगह ख़ाली होगी.

अगर ऐसा नहीं होता है तो इनका भी जाना तय है. संजय झा राज्यसभा सदस्य बन गए है इस कारण इनकी जगह किसी और को भेजा जाएगा. संतोष सुमन नीतीश सरकार में फिलहाल मंत्री हैं अगर वो गया से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो वो एमएलसी नहीं बनेंगे लेकिन अगर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इनका भी विधान परिषद जाना तय हो सकता है लेकिन इनके लिए संख्या बल के लिहाज से थोड़ी मुश्किल हो सकती है. रामेश्वर महतो जो कि जदयू के एमएलसी हैं, कुशवाहा समाज से आते हैं लेकिन इनका दुबारा जाना मुश्किल लग रहा है. इनकी जगह किसी और कुशवाहा जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की चर्चा है, विधान परिषद जा सकते है.

संजय पासवान जो कि बीजेपी के नेता हैं का फिर से विधान परिषद में जाना मुश्किल लग रहा है. इनकी जगह पार्टी किसी और को टिकट दे सकती है. रामचंद्र पूर्वे राजद के वरिष्ठ नेता हैं और वैश्य समाज से आते हैं लेकिन उनकी जगह पार्टी इस बार किसी युवा को सदन में भेज सकती है क्योंकि तेजस्वी लगातार युवा की बात कह रहे हैं.

मंगल पांडे बिहार बीजेपी के तेज तर्रार और पहुंच वाले नेता हैं. उनकी लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है, ऐसे में उनका क्या होता है, देखना दिलचस्प होगा. ख़ालिद अनवर जदयू के तेज तर्रार मुस्लिम नेता माने जाते हैं और इनके भी लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है लेकिन जदयू के पास आंकड़ों के लिहाज़ से दो उम्मीदवार ही जीत सकते हैं, ऐसे में अगर पार्टी मुस्लिम चेहरा पर दांव लगाती है तो इनकी दाल गल सकता है.

प्रेमचंद्र मिश्रा कांग्रेस के ब्राह्मण नेता और विधान परिषद में अपने शब्दों से सत्ता पक्ष को परेशान करते रहे हैं. संख्या बल के लिहाज से इन्हें पार्टी भेज सकती है लेकिन कांग्रेस में कई दूसरे उम्मीदवार भी इस सीट पर नजरे गड़ाए हुए है सो मिश्रा की भी राह आसान नहीं है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, MLC Election 2022, Nitish kumar, Rabri Devi

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