Bihar: Manoj Jha के भाषण से लालू की पार्टी के भीतर ही मच गया बवाल, आनंद मोहन के बेटे ने कहा- यह दोगलापन

देश 2024 के लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। इसी कड़ी में बिहार की राजनीति पर भी सभी की नजर है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में हलचल तेज है तो वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है। दरअसल, राजद के भीतर ही अब बवाल शुरू हो गया है। पूरा का पूरा मामला राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा को लेकर है। मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में कुछ ऐसी बात कही जिसकी वजह से अब बिहार में राजनीतिक बवाल मच गया है। पूरा का पूरा मामला अब ठाकुर बनाम ब्राह्मण का हो चला है। अपने ही पार्टी के एक विधायक के निशाने पर मनोज झा आ चुके हैं। 

राजद में बवाल

दरअसल, मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाया जिसमें ठाकुरों का जिक्र था और अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी। अब इसी को लेकर बाहुबली नेता आनंद मोहन समेत उनके बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चेतन आनंद ने तो साफ तौर पर कहा कि ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है और समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना दोगलापन है। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब मनोज झा राज्यसभा में बोल रहे थे तो उन्होंने अपनी कविता के जरिए ठाकुर समाज को टारगेट करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के रजत को A टू Z की पार्टी बनाने के कदम को यह बड़ा झटका है। चेतन आनंद ने कहा कि मनोज झा ने ब्राह्मणों के खिलाफ किसी कविता का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि वह खुद ब्राह्मण है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

भाजपा का निशाना

चेतन आनंद ने कहा कि अगर मैं राज्यसभा में होता और जब यह टिप्पणी की गई तो मैं धरने पर बैठ जाता। यह दोगलापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के सामने रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि मनोज झा क्यों नहीं अपने नाम से झा को हटा देते हैं। ऐसे नहीं चलेगा। दूसरी ओर भाजपा नेता नीरज सिंह बबलू का भी बयान सामने आ गया है। नीरज कुमार बबलू ने साफ तौर पर कहा कि अगर मनोज झा मेरे सामने यह बयान देते तो पटक के मुंह तोड़ देता। बबलू ने कहा कि ठाकुरों ने देश की रक्षा की है। ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्थान होता। मनोज झा ने राजद के कहने पर ऐसा बयान दिया है। वह मेरे सामने होते तो पटक कर उनका मुंह तोड़ देता। 

मनोज झा की कविता

“चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का,

भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का, 

बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की,

कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?” 

हालांकि कहीं ना कहीं राजद की ओर से राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान को दमदार और शानदार बताया गया है। इसका मतलब साफ है कि उसे इस तरह की आलोचनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *