हाइलाइट्स
आयोग ने मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को आदेश का अनुपालन कराने को किया अधिकृत
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा की याचिका पर चल रही है आयोग में सुनवाई
गर्भाशय के पास का ट्यूमर निकलवाने शुभकांत हॉस्पिटल गई सुनीता की निकाल दी गयी थी किडनी
रिपोर्ट- प्रियांक सौरभ
मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है. साथ-ही-साथ आयोग ने मुख्य सचिव व डीजीपी बिहार को आदेश का अनुपालन कराने को अधिकृत किया है.
मानवाधिकार आयोग के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग से पीड़िता के किडनी प्रत्यारोपण पर चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट की मांग की थी. इसके साथ ही आयोग ने एसएसपी राकेश कुमार व डीएम मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार से मामले के संबंध में वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी थी, जो आयोग को अब तक नहीं मिला है.
इस दिन हाजिर होने का नोटिस
वहीं एसके झा ने बताया कि सुनीता को किडनी प्रत्यारोपित किए जाने की दिशा में भी प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई सकारात्मक पहल अबतक नहीं की गई है. अतः आयोग ने मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा- 13 के तहत नोटिस जारी कर 13 नवंबर 2023 को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है.
जानें क्या है किडनी कांड का मामला
बता दें, बीते साल सितंबर महीने में गर्भाशय के पास का ट्यूमर निकलवाने गई सुनीता का शुभकांत हॉस्पिटल में लापरवाही बरतते हुए दोनों किडनी ही निकाल दी गयी. इस मामले में हॉस्पिटल के संचालक पवन कुमार सिंह समेत अन्य लोगों पर केस दर्ज कराया गया था. जिसके बाद पवन को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से सुनीता मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस के सहारे जिंदा है. बिना किडनी के सुनीता का बचना मुश्किल है, सुनीता को आगे जिंदा रखने के लिए कम से कम एक किडनी की जरूरत है. सुनीता को इंसाफ दिलाने के कई लोग आवाज उठाते रहे हैं लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है.
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Tags: Bihar News, Kidney, Muzaffarpur news
FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 14:57 IST