पटना. लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की तैयारियां तेज हैं. किसी भी वक्त चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इस बीच उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी का नाम अब बदल गया है. कुशवाहा की पार्टी के मान्यता को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थीं लेकिन उन तमाम चर्चाओं को विराम तब लग गया जब उपेन्द्र कुशवाहा को चुनाव आयोग से पत्र आया कि उनकी नई पार्टी को मान्यता मिल गई है.
कुशवाहा की पार्टी का नाम भी बदल गया है जो कि अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा होगा. इसकी जानकारी ख़ुद उपेन्द्र कुशवाहा ने मीडिया को दी. उपेन्द्र कुशवाहा ने नई पार्टी की मान्यता मिलने के बाद उन लोगों को निशाने पर भी लिया जो लगातार ये चुटकी ले रहे थे कि उनकी पार्टी को मान्यता नहीं मिलेगी. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जब से नई पार्टी का गठन किया था उसके कुछ ही दिनों बाद पार्टी के बारे में कई तरह के कंफ्यूजन खड़े हो रहे थे. पार्टी के निबंधन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे.
कुशवाहा ने कहा कि मेरे से भी ये सवाल पूछा जा रहा था कि आख़िर इतने दिन बीत गए अभी तक चुनाव आयोग से मान्यता क्यों नहीं मिल पा रही है. आज उन लोगों को जवाब मिल गया होगा. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के निबंधन की एक प्रक्रिया होती है और उस प्रक्रिया के तहत हमने भी इंतजार किया है. चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टी का नाम “राष्ट्रीय लोक जनता दल” है जो कई पार्टी के नाम से मिलता जुलता है और चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ अलग नाम सुझाएं. नाम बदलने के बाद कल चुनाव आयोग द्वारा पत्र मिला और हमारे पार्टी का निबंधन हुआ “राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी ” के नाम से निबंधन हो गया है.
कुशवाहा ने कहा कि चुनाव आयोग से जब नई पार्टी की मान्यता मिली तो हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है और राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी बिहार की जनता को संवारने के लिए काम करेगी. लोकसभा चुनाव में एनडीए के हिस्सेदार के रूप में हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी और बिहार में 40 में 40 सीटें एनडीए जीतेगा. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कितने सीटों पर तैयारी है, इस सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी 40 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है और कितने सीट पर उम्मीदवार उतरेंगे ये एनडीए का फैसला होगा.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमारे रिश्ते हमेशा मधुर रहे हैं. जब नीतीश जी आरजेडी के साथ गठबंधन में थे तो वो काफी तकलीफ में थे. उनका चेहरा और तकलीफ देखकर मुझे दया आती थी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी से हमारे व्यक्तिगत रिश्ते और राजनीतिक रिश्ते अलग हैं. लालू जी आसमान से नीचे आ गए हैं. नीतीश जी के अलग होने से और वो हताश में कुछ भी बोलते रहेंगे.
उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए में ऑल इज वेल तो बोला लेकिन साथ ही चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच तनाव से चिंतित दिखे और बीजेपी से आग्रह किया कि वो जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाए. वहीं जदयू के एनडीए के साथ आने पर कहा कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी ये तो एनडीए में तय होगा लेकिन जदयू के पहले हमलोग एनडीए के साथ आए थे और अब परिस्थितियां काफी बदल गई हैं. ये जदयू को भी देखना होगा.
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FIRST PUBLISHED : February 18, 2024, 14:35 IST