पटना. बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद महागठबंधन की सरकार में लिए गए निर्णयों पर अब कार्रवाई होनी शुरू हो चुकी है. इसकी शुरूआत बिहार विधानसभा और पीएचईडी विभाग से की गई है. पीएचडी विभाग में पहले ही दिन समीक्षा बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने टेंडर में गड़बड़ी की बात कही थी, इसके बाद अब एक विभाग की भी वैकेंसी रद्द कर दी गई है.
दरअसल बिहार विधानसभा में महागठबंधन की सरकार के दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के द्वारा 69 सुरक्षा प्रहरियों की बहाली के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बातें लगातार सामने आ रही थी. तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा इस पर लगातार आवाज भी उठा रहे थे. उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी की थी लेकिन महागठबंधन की सरकार में इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बिहार में जब एनडीए की सरकार बनी तो सरकार बनते ही कार्रवाई शुरू हो गई. बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सुरक्षा प्रहरी के लिए निकाल गई वैकेंसी को रद्द कर दिया है और फिर से परीक्षा लेने का निर्णय किया है. उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने पीएचडी विभाग में निकाल गए 1100 टेंडरों को भी रद्द कर दिया है. ये सभी टेंडर महागठबंधन की सरकार में तत्कालीन मंत्री ललित यादव के निर्देशों पर निकाले गए थे.
एनडीए की सरकार बनते हैं पहले ही दिन समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने ऐलान किया था कि PHED विभाग में जो टेंडर निकाले गए हैं, उसमें बड़ी गड़बड़ी है और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. गुरुवार को पीएचईडी विभाग में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने लगभग 1100 से भी अधिक टेंडर को रद्द कर दिया और विभाग को या निर्देश दिया कि जल्द ही नए टेंडर पारदर्शिता के साथ निकाले जाएं.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 17:16 IST