Bihar: बार-बार जब्त हुई जमानत, फिर भी मध्यप्रदेश चुनाव में दांव लगा रही JDU

पटना. देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत लगा रखी है. दरअसल इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को लोकसभा चुनाव के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. साथ ही इंडिया गठबंधन की एकता के लिए इसका परिणाम बेहद मायने रख सकता है. लेकिन, इसी बीच मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 5 उम्मीदवार उतारकर इंडिया गठबंधन में हलचल तेज कर दी है. जदयू के इस कदम के अर्थ खोजे जा रहे हैं वो भी तब जब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जब भी बिहार की राजनीतिक पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे हैं तो उनकी जमानत तक जब्त हो गई है.

फिर भी इस बार फिर जदयू ने उम्मीदवार उतार दिए हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का इतिहास बिहार के राजनीतिक दलों के लिहाज से देखें तो जदयू ने एमपी में 1998 से उम्मीदवार उतारने शुरू किए थे. उस दौरान बड़ी वजह थी तब जेडीयू के साथ कद्दावर नेता शरद यादव भी साथ थे. लेकिन, जब शरद यादव 2018  में जदयू से अलग हुए तब से जदयू ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवार नहीं उतारा है. लेकिन, इस बार जदयू ने फिर से उम्मीदवार उतारे हैं.

बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में जदयू का ट्रैक रिकॉर्ड कभी बेहतर नहीं रहा. जदयू के दो बार एक एक उम्मीदवार की जीत हुई थी. बाकी लोगों की जमानत तक जब्त हो गई थी. मध्यप्रदेश में 1998 के चुनाव के दौरान जेडीयू ने पहली बार 144 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 135 की जमानत जब्त हो गयी थी. वहीं 2003 में उम्मीदवार की संख्या मात्र 36 रह गई थी जिसमें  33 की जमानत जब्त हो गयी थी. 2008 चुनाव में जदयू ने 49 उम्मीदवार उतारे लेकिन किसी की जमनत नहीं बची. 2013  में जदयू ने 22 उम्मीदवार उतारे एक की भी जमानत नहीं बची थीं. इसके बाद जदयू ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवार नहीं उतारे. लेकिन इस बार जेडीयू ने फिर से उम्मीदवार उतारे हैं और ऐसे में इस बार जेडीयू को कैसा परिणाम मिलता है यह देखना दिलचस्प होगा.

इस बारे में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि जदयू अपने संगठन विस्तार कर रही है. पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा पाना है इसी को देखते हुए हम चुनाव लड़ रहे हैं. हम मध्यप्रदेश में नीतीश मॉडल के नाम पर वोट मांगेंगे. उम्मीद है मध्य प्रदेश की जनता हमे अपना आशीर्वाद देगी. बता दें, मध्यप्रदेश कुछ ऐसा ही हाल बिहार के दो और राजनीतिक दलों का रहा है. आरजेडी ने 1998  में 10 उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन किसी की भी जमानत नहीं बची थी. 2003 में आरजेडी ने तीन उम्मीदवार उतारे और 2008 में चार, लेकिन किसी की भी ज़मानत नहीं बची. इसके बाद आरजेडी ने कभी भी मध्यप्रदेश में उम्मीदवार नहीं उतारा. वहीं लोजपा ने 2013  में 28 उम्मीदवार उतारे लेकिन उसके भी तमाम उम्मीदवार के जमानत जब्त हो गए.

Tags: Bihar News, Jdu, Madhya Pradesh Assembly Elections 2023

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