Bihar के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न, पिछड़े वर्गों के हितों की करते रहे वकालत

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ANI

कर्पूरी ठाकुर बिहार के 11वें मुख्यमंत्री रहे हैं। 22 दिसंबर 1970 से लेकर 2 जून 1971 तक वह बिहार के मुख्यमंत्री रहे। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित कर भाजपा कहीं ना कहीं बिहार के ओबीसी और पिछड़ों के वोट पर नजर रखने की कोशिश करेगी।

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे और पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। कर्पूरी ठाकुर को बिहार की राजनीति का एक बड़ा नाम माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर अपनी साधारण जीवन के लिए जाने जाते हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू लगातार कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानती रही है। कर्पूरी ठाकुर बिहार के 11वें मुख्यमंत्री रहे हैं। 22 दिसंबर 1970 से लेकर 2 जून 1971 तक वह बिहार के मुख्यमंत्री रहे। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित कर भाजपा कहीं ना कहीं बिहार के ओबीसी और पिछड़ों के वोट पर नजर रखने की कोशिश करेगी।

कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) गाँव में गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी के घर नाई जाति में हुआ था। वह जन नायक के नाम से मशहूर थे। 1942 से लेकर 1946 तक समाजवादियों का आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा। कर्पूरी ठाकुर पढ़ाई बीच में ही छोड़कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चल रहे स्वतंत्रता संग्राम में कूद गये थे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय  26 महीने जेल में बिताए थे। 

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