
Bhu
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े इस आवासीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय का गौरवशाली अतीत रहा है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की इस धरोहर का देश के दो राष्ट्रपति, दो उप राष्ट्रपति, एक उप प्रधानमंत्री, छह भारत रत्न और एक नोबेल विजेता से नाता रहा है।
देश की संसद और विधानसभाओं से लेकर हर क्षेत्र में बीएचयू के छात्रों और शिक्षकों का दबदबा आज भी बरकरार है। वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार विजेता और 1954 में भारत रत्न से सम्मानित सीवी रमन बीएचयू के स्थायी विजिटिंग प्रोफेसर रहे।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय का इतिहास भाग-1 पुस्तक के अनुसार सीवी रमन दुनिया में जहां भी जाते थे, वहां भारत का परिचय बनारस से कराते थे। उन्होंने बीएचयू के स्थापना दिवस पर कहा था कि यह विश्वविद्यालय धर्मशास्त्र और आधुनिक विज्ञान का प्रतीक है। वर्ष 1921 में वह बीएचयू के प्रतिनिधि के रूप में ऑक्सफोर्ड भी गए।
देश के पहले उप राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और 1954 में भारत रत्न से अलंकृत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन वर्ष 1939 से 1948 तक बीएचयू के कुलपति रहे। देश के 11वें राष्ट्रपति और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बीएचयू के विजिटिंग प्रोफेसर रहे।