अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में छेड़खानी की सनसनीखेज वारदात के बाद अब विश्वविद्यालय में छात्राओं की सुरक्षा के लिए तमाम कवायद जारी है. लेकिन बात यदि विश्वविद्यालय में मनचलों की करें तो कैंपस उनका गढ़ बनता जा रहा है. बीतें 10 महीने यानी जनवरी से नवम्बर से बीच कैंपस में छात्राओं से लेकर महिला प्रोफेसर तक इसकी शिकार हुई हैं.
साल 2017 में भी कैंपस में छेड़खानी को लेकर बड़ा बवाल हुआ था. उसके बाद सुरक्षा और तामझाम को लेकर वैसी ही कवायद हुई जैसा अफसरों ने शुक्रवार को विश्ववविद्यालय में बैठक के बाद प्लान तैयार किया. लेकिन तमाम कवायदों के बाद भी कैंपस में अलग-अलग जगहों पर छेड़खानी की वारदातें सामने आती रहती है.
पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं 7 वारदात
साल 2023 में जनवरी से लेकर नवम्बर तक कैंपस में 7 घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुई है और न जाने कितनी ऐसी घटनाएं है. जिसकी शिकायत छात्राओं को ओर से नहीं कि गई. बीएचयू की स्टूडेंट आकांक्षा ने बताया कि कैंपस में अब भी छात्राओं के सुरक्षा के लिए जो इंतजाम होंने चाहिए वैसे नहीं है.
क्या है एबीवीपी की मांग?
एबीवीपी की पदाधिकारी साक्षी सिंह ने बताया कि सिर्फ आईआईटी बीएचयू नहीं बल्कि पूरे परिसर में सीसीटीवी से लेकर पेट्रोलिंग और अंधेरे वाली जगहों पर लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए.जिससे कैंपस में पढ़ने वाली हर महिला स्टूडेंट्स खुद को सुरक्षित महसूस करें.
11 महीने में हुई ये वारदातें
# 9 जनवरी को कैंपस में एमएससी की छात्रा से छेड़खानी हुई जिसकी शिकायत लंका थाने में दर्ज हुई.
# इसके बाद 25 जनवरी को मनचलों ने दिव्यांग छात्रा से छेड़खानी की वारदात को अंजाम दिया.
# 22 फरवरी को मधुवन के पास छात्रा से अभद्रता और छेड़खानी हुई.
# 24 जुलाई को भी सेंट्रल लाइब्रेरी से हॉस्टल जा रही स्टूडेंट्स को मनचलों ने छेड़ दिया.
# 31 अगस्त को महिला प्रोफेसर से छेड़खानी और मानसिक उत्पीड़न का मामला सामने आया.महिला प्रोफेसर जब मीडिया के सामने आई तब विश्वविद्यालय प्रशासन इसपर सख्त हुआ.
# 17 अक्टूबर को आईआईटी बीएचयू की दो छात्रा से देर रात चार मनचलों ने छेड़खानी की और फिर 1 नवम्बर की रात एक बड़ी सनसनीखेज घटना सामने आ गई.
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FIRST PUBLISHED : November 4, 2023, 13:44 IST