
लालकृष्ण आडवाणी
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भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत सरकार ने भारत रत्न की घोषणा की है। उन्हें भारत रत्न पर पक्ष व विपक्ष ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। मगर सबसे खास बात है कि उनका अलीगढ़ से गहरा नाता है। पूर्व सांसद स्व.शीला गौतम उनके बेहद करीबी नेताओं में रही हैं। यह परिवार उनसे अभी तक पारिवारिक नाते से जुड़ा है।
बात अगर उनके अलीगढ़ आगमन की करें तो उस समय शहर के मेयर रहे आशुतोष वार्ष्णेय किस्सा याद कर बताते हैं कि वे मेयर थे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव का दौर था और भाजपा अध्यक्ष रहते लालकृष्ण आडवाणी नुमाइश मैदान में सभा करने आ रहे थे। मगर उन्हें आने में देरी हो गई और वे दस बजे के आसपास पहुंचे। यहां सभा का समय खत्म होने पर वे सभी को अभिवादन कर वापस जाने के लिए पहले आनंद पैलेस होटल पहुंचे। जहां उनकी गाड़ी खराब हो गई। इस पर उन्हें मेयर ने अपनी गाड़ी से दिल्ली भेजा। मगर रास्ते में वह गाड़ी भी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हालांकि आडवाणी या ड्राइवर आदि सुरक्षित रहे और उन्हें दूसरी गाड़ी से दिल्ली पहुंचाया गया।
इसके दो दिन बाद आडवाणी का फोन मेयर के मोबाइल पर आया। इसके बाद मेयर कौंसिल के चुनाव में उन्होंने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से कहकर व्हिप जारी कराया और आशुतोष वार्ष्णेय को कौंसिल का अध्यक्ष निर्वाचित कराया। इस खुशी में उनके आवास पर दिल्ली में भोज रखा गया, जिसमें मेयर, संजय टाइल्स, सुबोध स्वीटी, सांसद शीला गौतम सहित करीब दो दर्जन भाजपाई अलीगढ़ से शामिल हुए। इसी तरह उस समय शीला गौतम के करीबी रहे भाजपा नेता संजय टाइल्स बताते हैं कि उन्हें दो बार शीला जी के साथ उनके आवास पर जाने का मौका मिला। दूसरी बार आडवाणी 2002-3 में उप प्रधानमंत्री रहते मंगलायतन तीर्थधाम के शुभारंभ पर बतौर मुख्य अतिथि रहते आए। भाजपा नेता संजय टाइल्स व सुबोध स्वीटी बताते हैं कि उस कार्यक्रम में सुरक्षार्मियों ने उन्हें उनके पास जाने से रोक लिया। यह खबर जब उन तक पहुंची तो उन्होंने अपने स्टाफ को टोका और अलीगढ़-हाथरस के करीब चार दर्जन भाजपाइयों को बुलाकर करीब चालीस मिटन तक कुर्सियों पर साथ बैठकर संवाद किया।