अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: बाबा विश्वनाथ का शहर बनारस अद्भुत है. इस अद्भुत शहर की परंपराएं भी निराली है. भगवान भोले के इसी काशी में बुधवार को 480 साल पुराने भरत मिलाप का मंचन हुआ. सूर्य ढलने के साथ वाराणसी के नाटी इमली के ऐतिहासिक मैदान में लाखों लोगों के भीड़ के बीच भगवान राम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का मिलाप हुआ. 2 मिनट के इस अद्भुत लीला को देखने के लिए लाखों लोग वहां घण्टो से इक्कठा रहें.
लीला की भव्यता का अंदाजा आप इसी से लगा सकतें है कि इसे देखने के लिए हर साल काशी नरेश भी शाही अंदाज में हाथी पर सवार होकर यहां आतें है और इस लीला को देखते है.चित्रकूट लीला समिति द्वारा यह आयोजन होता है.
480 साल का है इतिहास
लीला समिति से जुड़े रामवतार पांडेय ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन रहे मेघाभगत ने इस लीला की शुरुआत 480 साल पहले की थी. इस लीला में ही उन्हें प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए थे. यही वजह है कि आज भी इस लीला को देखने के लिए यहां लाखों भक्तों की भीड़ बिना किसी आमंत्रण के आती है.
साक्षात होतें है प्रभु के दर्शन
भक्तों का ऐसा मानना है कि उन्हें इस लीला के पात्रों में साक्षात प्रभु श्री राम के दर्शन होते है. वो क्षण बहुत हो अद्भुत होता है.जिसे लोग जिंदगीभर याद रखतें हैं.
यादव बंधु उठाते है पुष्पक विमान
इस लीला की खास बात ये भी है कि विशेष परिधान में सैकड़ों सालों से यादव बंधु पुष्पक विमान में प्रभु श्री राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न को यहां लाते है और लीला समाप्त होने के बाद उन्हें वापस भी ले जातें हैं.
.
Tags: Local18, Uttar pradesh news, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 17:41 IST