राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी ने किया अलीगढ़ वासियों को संबोधित
– फोटो : संवाद
विस्तार
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे ही अपनी डिफेंडर कार की छत पर सवार हुए। पूरा जमालपुर इलाका नारों से गूंज उठा। इस कदर स्वागत सत्कार हुआ कि दोनों भाई बहन अभिभूत हो गए। फिर जो रोड शो शुरू हुआ तो उन्होंने भी लोगों से मिलने या जुड़ने में कोई कंजूसी नहीं की। लोगों से हाथ मिलाए, उनकी बात सुनी। बच्चों को अपने पास बुलाकर दुलाकर संवाद किया। प्रियंका महिलाओं से अभिवादन करती रहीं। जब संबोधन की बारी आई तो उन्होंने जमकर मुद्दे उछाले। लोगों को समझाने का प्रयास किया।
स्थानीय मुद्दों से दूरी, जाति-धर्म व देश पर बात कही पूरी
बेशक राहुल-प्रियंका बहुत सधे हुए अंदाज में बोले। उन्होंने देश के हर उस ज्वलंत मुद्दे का जिक्र किया, जिसे मौजूद भीड़ सुनना चाह रही थी। लेकिन किसी स्थानीय मुद्दे का जिक्र नहीं हुआ। स्थानीय किसी बात पर दोनों ने जुड़ने का प्रयास नहीं किया। हां, प्रियंका ने जरूर यह कहकर याद दिलाया कि दो वर्ष पहले वे यहां आई थीं। आप लोगों ने रात के अंधेरे में जमा होकर उनसे मुलाकात की थी और स्वागत किया था। मगर किसी स्थानीय समस्या पर कोई बात किए बिना उन्होंने जाति, धर्म, देश, रोजगार, किसान, महंगाई आदि पर पूरी बात कही। जिस पर लोगों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया देते हुए उनकी ओर से उछाले गए सवालों के जवाब दिए और ताली बजाकर समर्थन किया।
भाई-बहन की हर प्रतिक्रिया बढ़ाती रही लोगों में उत्साह
यात्रा का समय सुबह साढ़े आठ बजे दिया गया था। सुबह से ही लोगों का जुटना शुरू हो गया था। हालांकि इस पूरे रोड पर व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं, जो खुले भी नहीं थे। मगर लोग गलियों के मुहाने पर, घरों की छतों पर खड़े होकर उन्हें देखने के लिए उतावले थे। लोगों में गजब का उत्साह था। दोनों के आने के बाद यात्रा करीब पौने दस बजे शुरू हुई। सबसे आगे मीडिया की गाड़ियां, फिर सेवादल की टोली चल रही थी। इनके पीछे स्थानीय नेताओं की टोली पैदल नारेबाजी करती चल रही थी। इसके बाद सुरक्षा घेरे में राहुल-प्रियंका की कार थी, जिसकी छत पर दोनों भाई बहन के अलावा विधायक अराधना मिश्रा मोना, प्रदेशाध्यक्ष अजय राय, हरियाणा के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र हुड्डा सवार थे। जब किसी से सीधे नजर मिलती तो दोनों इशारा कर उसे अपने पास बुलाते। उससे हाथ मिलाते, साथ में फोटो खिंचवाते और दो बात भी करते। इसके बाद उसे अपना कार्ड देकर विदा करते।