Barmer: सिंध को हिन्द से जोड़ती रिश्तों की ट्रेन थार एक्सप्रेस को शुरू करने की मांग तेज, 5 सालों से अपनों की जुदाई का दंश झेल रहे हैं लोग

Thar Express News: पिछले पांच वर्षों से बंद पड़ी सिंध को हिन्द से जोड़ने वाली रिश्तो की ट्रेन थार एक्सप्रेस फिर से शुरू करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. थार एक्सप्रेस बंद होने के कारण दोनों देशों के बीच रिश्तेदारी का संपर्क टूट गया है. दोनों ही देश के लोग रिश्तेदारों की मिलने की आस में जुदाई का दंश झेल रहे हैं. तो कई पिता अपनी बेटियों की भारत मे शादी करने का इंतजार कर रहे. अब पाक विस्थापितों के साथ बाड़मेर जैसलमेर के लोग भी अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए थार एक्सप्रेस को शुरू करने की मांग कर रहे हैं.

दोनों देशों के बीच खिंची सरहद की लकीर

भारत पाक बंटवारे के बाद दोनों देशों के बीच खिंची सरहद की लकीर के बाद हजारों लोग अपनों से बिछड़ कर वर्षों से जुदाई का दंश झेल रहे थे, उनके लिए 2006 में शुरू हुई थार एक्सप्रेस रिश्तों की ट्रेन एक उम्मीद की किरण थी, लेकिन 2019 में पुलवामा हमले व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास के कारण थार एक्सप्रेस सहित भारत-पाक के बीच में आने-जाने के लिए सभी रास्ते बंद कर दिए थे.

 कुछ समय बीतने के बाद धीरे-धीरे बाघा, अटारी करतारपुर कॉरिडोर सहित हवाई सेवा भी फिर से शुरू हो गई. लेकिन थार एक्सप्रेस को 5 साल बाद भी शुरू नहीं किया गया है जिसके चलते सिंध व हिन्द में कई भाई अपनी बहिन से,माँ अपनी बेटी से,पिता पुत्री से जुदाई का दंश झेल रहे हैं. बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी के कारण थार एक्सप्रेस शुरू नहीं हो पाई है.

पाक विस्थापित जोमादत्त चारण बताते हैं कि थार एक्सप्रेस एक ट्रेन ही नहीं बल्कि एक भाई-बहन का रिश्ता पति-पत्नी का रिश्ता पिता पुत्री के रिश्ते को जोड़ती है वर्ष 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल ऑन विजिट टू रिलिजियस शराइनस के द्विपक्षीय समझौते के तहत दोनों ही देश के नागरिकों को धार्मिक स्थलों आने जाने के लिए छूट प्रदान की गई थी. लेकिन थार एक्सप्रेस बंद होने के कारण सिंध व हिन्द के लोग अपने धार्मिक स्थलों पर भी नहीं जा पा रहे हैं. थार एक्सप्रेस से लोग पाकिस्तान से अपने पूर्वजों की अस्थियां लेकर हरिद्वार में विसर्जन करने के लिए आते थे वह भी बंद हो गई है.

पाक विस्थापित राम सिंह सोढा बताते हैं कि पाकिस्तान में रहने वाले सोढा राजपूत अपनी बेटियों की शादी भारत में करनी पड़ती है क्योंकि अपनी ही जाति में शादी नही हो सकती. पाक में राजपूत समाज की दूसरी जातियां नहीं रहने के कारण कई पिता अपनी जवान बेटियों की शादी नहीं कर पा रहे हैं. सिंध से वाघा अटारी के रास्ते बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर आने के लिए 2500 से 3 हजार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और गरीब लोग इतना खर्च नहीं उठा पाने के कारण अपनों से नहीं मिल पा रहे हैं.

कांग्रेस नेता आजाद सिंह राठौड़ ने भी भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि पुलवामा हमले वह सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच बंद हुई सभी सेवाएं वापस शुरू हो गई है लेकिन थार एक्सप्रेस अभी तक शुरू नहीं हुई है जिसको जल्द भारत सरकार को शुरू करना चाहिए ताकि पिछले 5 वर्षों से कटी रिश्तो की डोर फिर से जुड़ सके.

 

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