मौलाना तौकीर रजा खां
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बरेली में कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा खां को 2010 के दंगों का मुख्य साजिशकर्ता मानकर तलब किया है। उस समय मौलाना तौकीर को क्लीनचिट देने पर तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल भी उठाए हैं, लेकिन वर्तमान की स्थिति भी पहले से मिलती-जुलती है। पुलिस-प्रशासन के अफसरों पर हाल के मामलों में भी मौलाना तौकीर के प्रति नरम रुख बरतने के आरोप लग रहे हैं।
बीते फरवरी महीने में श्यामगंज में दुकानों में जो तोड़फोड़ हुई, शाहजहांपुर रोड पर बाइक तोड़ी गई, उसके उपद्रवी भी मौलाना तौकीर की तकरीरें सुनकर लौट भीड़ में शामिल थे। मामले में दोनों पक्षों से रिपोर्ट हुई और 40 लोगों को चिह्नित भी किया गया है, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने मौलाना तौकीर को इस बार भी क्लीनचिट दे दी। यह तब है जबकि मौलाना तौकीर के कई भड़काऊ वीडियो सामने आए थे। इधर, भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल भी कह रहे हैं कि मौलाना को कोई संरक्षण दे रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए।
ज्ञानवापी मामले और अन्य मुद्दों पर मुस्लिम समाज के शोषण का आरोप लगाते हुए मौलाना तौकीर रजा ने बीते महीने 8 फरवरी, दिन शुक्रवार को शहर में सामूहिक गिरफ्तारी देने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि लोगों के साथ वह इस्लामियां इंटर कॉलेज जाकर सभा करेंगे और वहां से पैदल कलक्ट्रेट जाकर गिरफ्तारी देंगे।