Asian Para games 2023: मुंह और पैरों की मदद से शीतल ने Gold पर साधा निशाना, बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज ने जीते पदक

हांगझू में चल रहे एशियन पैरा गेम्स 2023 में भारत की बेटी ने कमाल करके दिखाया है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के लोइधर गांव की 16 वर्ष की शीतल देवी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली बिमा हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज हैं। शीतल ने इस सप्ताह देश के लिए तीरंदाजी में दो मेडल जीते हैं। 

बिना हाथों के शीतल ने मुंह और पैरों की मदद से ये कमाल किया है। वो अपने दाहिने पैर से 27.5 किलोग्राम के धनुष को पकड़ती हैं और संतुलित करती है। अपने दाहिए कंधे से जुड़े एक मैनुअल रिलीजर का इस्तेमाल करके स्ट्रिंग को पीछे खींचती हैं और 50 मीटर दूर लक्ष्य को भेदने के लिए मुंह में रखे ट्रिगर का इस्तेमाल करती हैं। इस दौरान वह पूरे समय अपने बाएं पैर के बल सीट पर खुद को सीधा रखती हैं। 

फोकोमेलिया के साथ जन्मी शीतल, ने अपनी जिंदगी में कभी भी किसी मुश्लिक से डरी नहीं है। दरअसल, फोकोमेलिया एक ऐसा विकार है जिसके कारण अंग अविकसित होते हैं। शीतल ने गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, शुरुआत में तो मैं धनुष ठीक से उठा भी नहीं पाती थी, लेकिन कुछ महीनों के प्रयास के बाद ये आसान हो गया। 

हांगझू में शीतल ने सरिता के साथ जोड़ी बनाते हुए महिला टीम में सिल्वर मेडल जीता और राकेश कुमार के साथ मिश्रित में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 



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