ASEAN समिट: पीएम मोदी गए इंडोनेशिया, 9 घंटे में करेंगे ताबड़तोड़ बैठकें

नई दिल्ली. अपनी अब तक की सबसे छोटी विदेश यात्राओं में से एक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के जकार्ता में 23 घंटे से भी कम समय बिताएंगे और 8 सितंबर को तीन प्रमुख द्विपक्षीय बैठकों के लिए समय पर स्वदेश लौटेंगे, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एक बैठक भी शामिल है. वह बैक-टू-बैक कार्यक्रमों – 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन – के लिए इंडोनेशिया रवाना हुए.

पीएम मोदी की यात्रा के 23 घंटों में से, लगभग 14 घंटे जकार्ता और वापसी के लिए उड़ान का समय होगा. प्रधानमंत्री बुधवार रात जकार्ता के लिए रवाना हुए और 7 सितंबर (गुरुवार) को भारतीय समयानुसार सुबह 3 बजे जकार्ता पहुंचने से पहले लगभग सात घंटे विमान में बिताएंगे.

थोड़े आराम के बाद, वह भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजे आसियान-भारत शिखर सम्मेलन स्थल के लिए रवाना होंगे, जिसके बाद वह 8.45 बजे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसके तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करेंगे और सुबह 11.45 बजे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और शाम 6.45 बजे के आसपास दिल्ली में उतरेंगे – इसका मतलब है कि वह जकार्ता में नौ घंटे से कम समय बिताएंगे.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन 8 सितंबर को शाम 7 बजे के आसपास भारत पहुंच रहे हैं. उसी दिन, पीएम तीन देशों के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिसमें एक शाम 7.45 बजे के आसपास अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ और दूसरी बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ होगी.

सभी महत्वपूर्ण जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 सितंबर को शुरू होगा और 10 सितंबर को समाप्त होगा. बुधवार को, पीएम मोदी ने दोपहर से पहले मंत्रिपरिषद की बैठक के साथ-साथ कैबिनेट बैठक में भी हिस्सा लिया. जकार्ता रवाना होने से पहले उन्होंने शाम 7.30 बजे तक बैक-टू-बैक बैठकें भी कीं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 10 देशों के प्रभावशाली समूह ‘आसियान’ के नेताओं के साथ भारत की साझेदारी की भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा करने को लेकर उत्सुक हैं. जकार्ता के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने अपने बयान में ‘आसियान’ के साथ जुड़ाव को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक ‘महत्वपूर्ण स्तंभ’ करार दिया और कहा कि पिछले वर्ष हुई व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने दोनों पक्षों के संबंधों में नई ऊर्जा का संचार किया है.

इंडोनेशिया, ‘आसियान’ (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं.

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