दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के पांचवें समन पर भी पेश नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी ने साफतौर पर कहां है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिया गया समन गैरकानूनी है। कथित शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को भेजा गया समन राजनीति से प्रेरित है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के पांचवें समन पर भी पेश नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी ने साफतौर पर कहां है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिया गया समन गैरकानूनी है। कथित शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को भेजा गया समन राजनीति से प्रेरित है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया है कि यह समन सिर्फ मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर दिल्ली सरकार को गिराने के लिए जारी किया गया है। प्रवचन निदेशालय का समन दिल्ली सरकार को गिराने की बड़ी साजिश है।
कथित तौर पर शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने पांचवा सामान जारी किया है जिसे आम आदमी पार्टी ने गैरकानूनी बताया है। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वैध समन का हम पालन करेंगे। मगर यह राजनीति से प्रेरित और दिल्ली सरकार को गिराने के लिए जारी किया गया समन है। बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल प्रवचन निदेशालय के चार समन को नजरअंदाज कर चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 31 जनवरी को नया समन जारी किया था और 2 फरवरी को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा था।
बीजेपी ने दी खास हिदायत
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि हेमंत सोरेन ने 10 बार संबंध को नजरअंदाज किया और अंत में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि ईडी के समन का सामना नहीं करेंगे और पेश नहीं होंगे। यह पांचवा समान है जब अरविंद केजरीवाल पेश होने से मना कर रहे हैं और इसे गैर कानूनी बता रहे हैं। अगर समन गैरकानूनी है तो कोर्ट से जाकर इसे निरस्त कराया जाए। मगर यह दिल्ली सरकार का तरीका है कि वह जनता के सामने खुद को बेकसूर बताना चाहती है। वहीं अगर बार-बार समझा जारी करने के बाद भी अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए पेश नहीं होते हैं और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाता है तो खुद को बेचारा दिखाने की कोशिश ना करें।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय की टीम समन भेज चुकी है मगर किसी भी तारीख पर वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। अरविंद केजरीवाल को जारी किए गए इन सभी सामान पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा था कि मैं पूरा जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जीता आया हूं। मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है।
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