Apple Hacking Alert: BJP ने कहा, विपक्ष को दर्ज करानी चाहिए FIR, अमित मालवीय का राहुल गांधी पर वार

Amit malviye

ANI

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले पेगासस के बारे में दावे किए थे लेकिन उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष आईफोन जमा करने से इनकार कर दिया। वहीं, अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा खुद का मज़ाक उड़ाने के कुछ ही मिनटों के भीतर Apple ने एक बयान जारी किया।

एप्पल द्वारा कुछ विपक्षी नेताओं को उनके आईफोन पर सरकार-प्रायोजित हमले के बारे में आगाह किए जाने पर भाजपा ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि यह एप्पल को स्पष्ट करना है, उन्हें प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले पेगासस के बारे में दावे किए थे लेकिन उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष आईफोन जमा करने से इनकार कर दिया। वहीं, अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा खुद का मज़ाक उड़ाने के कुछ ही मिनटों के भीतर Apple ने एक बयान जारी किया।

अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में लिखा कि ऐसा क्या है जो उन्हें विदेशी एजेंसियों द्वारा प्रायोजित कहानियों की हिमायत करने के लिए प्रेरित करता है? सोरोस? पिछली बार भी उन्होंने अपना फोन जांच के लिए जमा नहीं कराया था। फालतू आरोप लगाकर राष्ट्रीय समय क्यों बर्बाद करें? उन्होंने कहा कि Apple ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने दुनिया भर में ऐसे कई नोटिफिकेशन भेजे हैं। लगभग 150 काउंटियों में उपयोगकर्ताओं को ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं और वे यह भी बताने में सक्षम नहीं हैं कि ऐसी सूचनाएं क्यों शुरू की गई हैं। इसलिए, विपक्ष का यह आरोप लगाना कि यह सरकार के इशारे पर किया जा रहा है, बिल्कुल निराधार है। 

भाजपा नेता ने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी जाहिर तौर पर विदेशी वित्त पोषित एजेंसियों के प्रभाव में इन मुद्दों को उठाते रहते हैं लेकिन उन्होंने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया है। विपक्ष के पास सरकार पर हमला करने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और इसलिए वे इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ आरोप लगाने के बजाय इन नेताओं को एप्पल के समक्ष मामला उठाना चाहिए और प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। हालांकि, उन्होंने अपने अनुभव का हवाला देते हुए दावा किया कि कोई भी टेलीफोन कंपनी ऐसा कुछ नहीं करती है और मामले को देखने के लिए सबसे पहले एक आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम सीईआरटी-इन के पास जाती है।

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